प्रसाद में मिलावट सिर्फ सनातन नहीं, देश से छल: ऋतेश्वर महाराज

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Adulteration in Prasad is not only Sanatan, it is cheating the country: Riteshwar Maharaj
Adulteration in Prasad is not only Sanatan, it is cheating the country: Riteshwar Maharaj

वाराणसी। श्री बालाजी मंदिर प्रसाद में मछली का तेल और गाय की चर्बी जैसी वस्तुओं की मिलावट के मामले को लेकर आनंदम धाम ट्रस्ट वृन्दावन के पीठाधीश्वर सद्गुरु डा. ऋतेश्वर महाराज ने कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे न केवल सनातन धर्म के साथ धोखा बताया, बल्कि इसे राष्ट्र के साथ छल करार दिया।

शुक्रवार को पहड़िया के अकथा स्थित उषा गेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान पूज्य डा. ऋतेश्वर महाराज ने इस घटना को गंभीर अपराध बताते हुए कहा कि मिलावट करने वाले कभी भी राष्ट्रभक्त नहीं हो सकते और ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

उन्होंने कहा, “व्यक्तिगत लाभ के लिए देश के साथ धोखा देने वाले लोगों को राष्ट्रद्रोह का मुकदमा झेलना चाहिए। उनकी सारी संपत्ति जब्त होनी चाहिए और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए।” उन्होंने जोर देकर कहा कि इस मामले की गहन जांच होनी चाहिए और दोषियों को उजागर किया जाना चाहिए।

सरकार से अपेक्षा, सुप्रीम कोर्ट से आग्रह

पूज्य डा. ऋतेश्वर महाराज ने सरकार से मांग की कि वह इस मामले को गंभीरता से ले। अगर सरकार इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं करती है, तो सुप्रीम कोर्ट को स्वत संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने कहा, “पूर्व में भी सुप्रीम कोर्ट ने कई मामलों में स्वतः संज्ञान लेकर उचित फैसले सुनाया है। अब समय आ गया है कि सनातनी समाज जागरूक होकर अपने हितों की रक्षा के लिए कदम उठाए।”

सनातनियों के लिए एजेंडा सेट करने की आवश्यकता

डा. ऋतेश्वर महाराज ने कहा कि सनातन धर्म के अनुयायियों को अब अपने हितों के लिए खुद का एजेंडा सेट करना होगा, ताकि राजनीतिक दल भी उनके हितों को ध्यान में रखकर अपने घोषणा पत्र तैयार करें। उन्होंने कहा, “हमें किसी राजनीतिक दल या नेता से व्यक्तिगत द्वेष नहीं है, चाहे वह राहुल गांधी, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी हों या नरेंद्र मोदी। हमें सिर्फ अपने सनातन धर्म और राष्ट्र से प्रेम है। जो भी दल राष्ट्रहित में कार्य करेगा, वही इस देश पर राज करेगा।”

उन्होंने कश्मीर मुद्दे का जिक्र करते हुए कहा कि जो दल कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा मानते हुए धारा 370 और अनुच्छेद 35ए को खत्म करने जैसे कदम उठाता है, वह देश की बागडोर संभालने का हकदार है। डा. ऋतेश्वर महाराज ने कहा, “हमें राम राज्य चाहिए, जहां त्वरित न्याय की व्यवस्था हो, ताकि ऐसे अपराध दोबारा न हों।”

सनातन धर्म विश्व के लिए आवश्यक

डा. ऋतेश्वर महाराज ने कहा कि सनातन धर्म सिर्फ भारत के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए आवश्यक है। “यह तभी संभव है जब देश की भावी पीढ़ी जीविका के साथ जीवन की शिक्षा पद्धति के आधार पर शिक्षा ग्रहण करे। इसी उद्देश्य से सनातन विश्वविद्यालय और गुरुकुल की परिकल्पना की गई है”।

उन्होंने कहा कि जब देश ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ और ‘एक राष्ट्र-एक विधान’ जैसी नीतियों पर काम कर रहा है, तो ‘एक राष्ट्र-एक शिक्षा’ और ‘एक चिकित्सा’ की प्रणाली क्यों नहीं अपनाई जा सकती? डा. ऋतेश्वर महाराज ने कहा कि सनातन शिक्षा पद्धति मानव जीवन को बेहतर बनाने के लिए सर्वोत्तम होगी और इसी विचार को साकार करने के लिए वह काशी क्षेत्र में सनातन विश्वविद्यालय व गुरुकुलम के निर्माण की यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं।

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