जयपुर। श्रावणी पूर्णिमा पर आराध्य देव श्री गोविंद देव जी मंदिर में रक्षाबंधन का पर्व एक पारंपरिक उत्सव के रूप में मनाया गया। सुबह मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में ठाकुर श्री गोविंद देव जी का पंचामृत अभिषेक किया गया। नवीन धवल पोशाक धारण कराकर आभूषण, पुष्प और चंदन से मनमोहक श्रृंगार किया गया। पूर्णिमा के धवल श्रृंगार को दर्शनार्थी एकटक निहारते रहे। इसके बाद श्रृंगार झांकी में ठाकुरजी, राधा रानी एवं सखियों को विविध रंगों एवं कलात्मक राखियां अर्पित की गई।
सर्वप्रथम दूब, रेशम एवं पुष्पों से बनी पारंपरिक राखी अर्पित की गई। इसके बाद मोगरे की कली, सुपारी और कलाबूत से तैयार विशिष्ट राखियां अर्पित की गईं। राधा नाम की अलंकरण युक्त राखी इस अवसर का विशेष आकर्षण रही। भोग के रूप में ठाकुर जी को लड्डू, मीठी मठरी, पंचमेवा एवं फलों का भोग अर्पित किया गया। ठाकुर जी ने भक्तों को रियासतकालीन झूले पर विराजमान होकर दर्शन दिए।
मातहत मंदिर में भी मना उत्सव
मंदिर सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने ठाकुरजी के निमित्त रक्षा सूत्र अर्पित कर अपनी भक्ति भावनाएं प्रकट कीं। गोविंद देव जी मंदिर के मातहत सभी मंदिरों में भी रक्षाबंधन का उत्सव अत्यंत श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाया गया।