जयपुर। कार्तिक कृष्ण अष्टमी सोमवार को अहोई अष्टमी के रूप में मनाई गई। महिलाओं ने अपनी संतानों की दीर्घायु, सुख-समृद्धि और मंगल जीवन की कामना करते हुए निर्जला व्रत रखा। घरों में अहोई माता की परंपरानुसार विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। सुबह महिलाओं ने स्नान कर संतान की लंबी आयु के लिए संकल्प लिया। पूरे दिन निर्जल-निराहार व्रत रखकर पूजा-पाठ की। महिलाओं ने अहोई माता की कथा सुनी और संतानों की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की।
इस अवसर पर माताओं ने अपनी संतानों को तिलक कर आशीर्वाद दिया। उल्लेखनीय है कि अहोई अष्टमी का व्रत बच्चों की लंबी उम्र और सुखमय जीवन के लिए रखा जाता है, जबकि करवा चौथ पति की दीर्घायु के लिए होता है। शाम को माताओं ने विधि-विधान से अहोई माता की आराधना कर दीप प्रज्वलित किया। पूजा के बाद रात को तारे देखकर व्रत खोला।