पांच शुभ योग में कल रखा जाएगा अहोई अष्टमी का व्रत

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Ahoi Ashtami fast will be observed tomorrow in five auspicious yogas
Ahoi Ashtami fast will be observed tomorrow in five auspicious yogas

जयपुर। संतान की सुरक्षा और सुखी जीवन के लिए अहोई अष्टमी व्रत गुरुवार को रखा जाएगा। महिलाएं अहोई माता की पूजा कर आरती उतारेंगी। धार्मिक मान्यता है कि अहोई माता की कृपा से संतान सुरक्षित रहती है और उसका जीवन सुखमय होता है। यह व्रत सूर्योदय से लेकर तारों के निकलने तक रखा जाता है। अहोई अष्टमी का व्रत विवाहित महिलाएं संतान प्राप्ति और माताएं संतान की सुरक्षा के लिए रखती हैं। कई महिलाएं निर्जला व्रत भी रखती है।

अहोई अष्टमी का व्रत सूर्योदय से शुरू होकर तारों के निकलने तक रखा जाएगा। तारों को देखकर व्रत को पूरा करते हैं और पारण किया जाता है। इस व्रत में शाम को पूजा स्थान पर अहोई माता की 8 कोनों वाली एक पुतली बनाई जाएगी। उसमें फिर रंग भरे जाएंगे। उसके पास ही सेई या साही और उसके बच्चों के भी चित्र बनाए जाते हैं। आज कल बाजार में अहोई माता की तस्वीर भी मिलती है। उसकी पूजा भी की जा सकती है।

अहोई माता को 8 पूड़ी, 8 मालपुआ, दूध, चावल का भोग लगाया जाएगा।. ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि इस बार अहोई अष्टमी का व्रत पांच शुभ संयोग में रखा जाएगा। गुरु पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, साध्य योग, अमृत सिद्धि योग और पुष्य नक्षत्र का सुंदर संयोग बना है। गुरु पुष्य योग में सोना, मकान, वाहन आदि खरीद सकते हैं, वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए कार्य सफल सिद्ध होते हैं।

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