
जयपुर। सेवा पखवाड़ा के उपलक्ष्य में आत्मनिर्भर भारत – विकसित भारत विषय पर एक प्रबुद्ध जनसंवाद सम्मेलन का आयोजन राजस्थान चैंबर भवन में भव्य रूप से सम्पन्न हुआ। इस सम्मेलन का उद्देश्य नागरिकों, नीति निर्माताओं, उद्योग जगत तथा सामाजिक संगठनों के बीच संवाद स्थापित कर आत्मनिर्भर भारत विकसित भारत की अवधारणा को और अधिक सशक्त बनाना था।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. अरुण चतुर्वेदी, अध्यक्ष, राजस्थान वित्त आयोग रहे। अपने सारगर्भित संबोधन में उन्होंने आत्मनिर्भर भारत की आवश्यकता, नीति निर्धारण में जनभागीदारी तथा सुशासन की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि—“जनसंवाद केवल चर्चा नहीं, बल्कि परिवर्तन की दिशा में पहला कदम है।
जब समाज, सरकार और उद्यमी एकजुट होकर विचार करते हैं, तभी आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना वास्तविक रूप लेती है।” उन्होंने आगे कहा कि विकसित भारत का स्वप्न तभी साकार होगा, जब हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी को समझ कर उसमें भागीदारी निभाए। विकसित भारत केवल आर्थिक प्रगति का नाम नहीं है, बल्कि यह सामाजिक समानता, शिक्षा, स्वास्थ्य और नवाचार से परिपूर्ण राष्ट्र का स्वरूप है।
चैंबर के अध्यक्ष डॉ. के. एल. जैन ने अपने उद्बोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आरंभ किए गए ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को एक दूरदर्शी, प्रभावशाली एवं ऐतिहासिक पहल करार दिया। उन्होंने कहा कि यह अभियान न केवल उद्योग जगत के लिए नए अवसर लेकर आया है, बल्कि राष्ट्र के सर्वांगीण विकास का आधार भी है।
डॉ. जैन ने आह्वान किया कि उद्योग जगत को इस दिशा में सक्रिय भागीदारी निभाकर राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया को और गति प्रदान करनी चाहिए। उन्होने कहा की विकसित भारत का अर्थ है—समग्र आर्थिक प्रगति, सामाजिक समानता, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएँ, पर्यावरणीय संतुलन। इस संवाद में भारत को आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस सुझाव सामने आए।
कार्यक्रम के अंत में राजस्थान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के वरिष्ठ उपाध्यक्ष आत्माराम गुप्ता ने सभी अतिथियों, वक्ताओं, प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के संवाद कार्यक्रम समाज में जागरूकता और सहभागिता बढ़ाने में सहायक सिद्ध होते हैं।
यह सम्मेलन सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत आयोजित आयोजनों में एक महत्वपूर्ण पहल बनकर सामने आया, जिसने जनसंवाद, आत्मनिर्भरता और सामाजिक सहभागिता को एक साझा मंच प्रदान किया।