जयपुर। मत्स्य विभाग के पूर्व डायरेक्टर (आईएएस) प्रेमसुख बिश्नोई पर रिश्वत लेने के मामले में एक और केस दर्ज किया गया है। एसीबी को यह शिकायत भी मछली पालन करने वाले एक ठेकेदार ने की थी। एसीबी ने इस केस में अधिकारी को ट्रेप करने की भी कोशिश की थी, लेकिन कामयाब नहीं हो पाए थे। इस पर एसीबी काम कर रही थी। इस दौरान एक अन्य शिकायत मिलने पर 18 जनवरी को मत्स्य विभाग के पूर्व डायरेक्टर (आईएएस) प्रेमसुख बिश्नोई और एडिशनल डायरेक्टर राकेश देव को 35 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा था।
एसीबी के अनुसार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले मछली ठेकेदार सूरज का बूंदी और टोंक में मछली पालन का बिजनेस है। वह विभाग की मंजूरी के बाद तालाब में मछली पालन करता है। यह ठेका पीड़ित का करीब 25 लाख रुपए का था। सितंबर में पीड़ित ने श्योदानपुरा बांध (टोंक) से मछली निकालना शुरू किया। इस दौरान मत्स्य विभाग के अधिकारी मदन उसके पास आया। कहा- वह मछली नहीं निकाल सकता। अगर उसे मछली निकालनी है तो वह जयपुर में जाकर अधिकारियों से मंजूरी लेकर आए।
इसके बाद सूरज 8 जनवरी को 2024 को जयपुर मत्स्य विभाग के कार्यालय पहुंचा। यहां पर उसकी मुलाकात सहायक निदेशक राकेश देव, संयुक्त निदेशक लियाकत अली और निदेशक प्रेमसुख बिश्नोई से हुई। बिश्नोई ने राकेश देव से पूछा कि इसका ठेका कितने का है। इस पर पीड़ित ने खुद ही बताया कि लगभग 25 लाख रुपए का है। बिश्नोई ने उसे 10 प्रतिशत कमीशन (2.50 लाख) देने के लिए कहा। इस पर पीड़ित ने समय मांगा और फिर ऑफिस से निकल गया। इसके बाद पीड़ित एसीबी मुख्यालय पहुंचा। एसीबी को 8 जनवरी को ही शिकायत दी।
एसीबी ने राकेश देव और पीड़ित की वॉइस रिकॉर्ड की। पीड़ित को 9 जनवरी को पैसों के साथ मत्स्य विभाग भेजा, जहां पर पीड़ित ने 50 हजार रुपए रिश्वत के दिए। उस दौरान एसीबी एक्शन नहीं कर पाई। लेकिन एसीबी के पास बिश्नोई और राकेश देव के खिलाफ कई सबूत जमा हो गए। इस पर एसीबी ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। 18 जनवरी को 35 हजार रुपए रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार हुए दोनों अधिकारी अभी जेल में बंद हैं। दोनों अधिकारियों के खिलाफ एक एफआईआर और दर्ज होने पर एसीबी दोनों को दोबारा से गिरफ्तार कर पूछताछ करेगी।