जयपुर। एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने ऑपेरशन जिस्मन्ना चलाकर मारवाड़ में स्मैक की तस्करी करने वाले शातिर तस्कर को गिरफ्तार किया है। जिस पर 25 हजार रूपये का इनाम था। एएनटीएफ को लंबे समय से उसकी तलाश में जुटी थी।
एएनटीएफ पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) विकास कुमार ने बताया कि बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना निवासी जितेंद्र मेघवाल को गिरफ्तार किया है। जिस पर 25 हजार रुपए का इनाम था और नशे की तस्करी करते-करते वह खुद भी स्मैक का आदी हो गया। नशा मुक्ति केंद्र में लंबे समय तक इलाज में काफी खर्च हुआ तो मकान और जमीन भी बिक गई। तबीयत में सुधार होने पर वह फिर से तस्करी करने लगा।
आईजी ने बताया कि आठवीं तक पढ़ाई के बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी। दो साल तक बेंगलुरू में मोबाइल शॉप पर काम करने के बाद वापस धोरीमन्ना आ गया। इसके बाद वह कुख्यात तस्कर प्रकाश के संपर्क में आया। पहले उसका ड्राइवर और फिर पार्टनर बनकर स्मैक की तस्करी करने लगा। इसके बाद वह तीन साल में ही स्मैक की तस्करी का किंगपिन बन गया। जहां प्रकाश के जेल जाने के बाद वह पूरा धंधा खुद चलाने लगा। तस्करी की कमाई से उसने कोठियां बनवाई और जमीन भी खरीद ली।
जांच पड़ताल में सामने आया कि वह हर महीने 20 किलो स्मैक की तस्करी करता। जिससे हर महीने करीब 50 लाख रुपए कमाता। उसके खिलाफ तीन साल में आठ मुकदमे दर्ज हुए और तीन बार जेल भी गया। जब पत्नी को उसकी हरकतों के बारे में पता चला तो उसने बेंगलुरु सेटल होने को कहा।
इस बीच एएनटीएफ को भी उसके प्लान का पता चलने पर प्लेन, बस और ट्रेन के टिकट बुकिंग पर निगरानी रखनी शुरू कर दी। जिस पर आरोपित जितेंद्र ने अपने करीबी व्यक्ति के जरिए टिकट बुक करवाई थी। जहां एएनटीएफ ने नाकाबंदी कर बस को रुकवा कर आरोपी को हिरासत में लिया।


























