जयपुर। एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स टीम ने कार्रवाई करते हुए 1 लाख रुपये के इनामी गैंगस्टर सुमित मांजू निवासी खिदरत थाना बाप जिला फलोदी को चित्तौड़गढ़ जिले में सांवलिया सेठ मंदिर से पकड़ने में सफलता हासिल की है। एडीजी एजीटीएफ दिनेश एमएन ने बताया कि शातिर गैंगस्टर सुमित मांजू के विरुद्ध थाना मंडोर जोधपुर पूर्व, डागियावास जोधपुर, सेन्दडा जिला ब्यावर, शिवपुरा व रायपुर जिला पाली में अवैध मादक पदार्थों की तस्करी, आर्म्स एक्ट, पुलिस कर्मियों व आमजन पर फायरिंग कर जानलेवा हमला व हत्या के कुल 6 आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं, जिनमें से चार में यह वांछित है।
एमएन ने बताया कि गंभीर आपराधिक मामलों में 2 साल से फरार चल रहे मोस्ट वांटेड गैंगस्टर सुमित मांजू की गिरफ्तारी के लिए अगस्त 2023 में पुलिस मुख्यालय से 1 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की गई थी। इसके एक साथी हनुमान टूटा को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। एडीजी ने बताया कि इसकी गिरफ्तारी के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आशाराम चौधरी के नेतृत्व में गठित टीम इंस्पेक्टर राम सिंह नाथावत, हेड कांस्टेबल महावीर सिंह, शंकर दयाल शर्मा, कमल सिंह, राकेश, रत्तीराम एवं कांस्टेबल चालक मुकेश द्वारा सूचना संकलित की जा रही था। इसी दौरान टीम सदस्य हेड कांस्टेबल महावीर सिंह को विश्वस्त जानकारी मिली कि सुमित मांजू सांवरिया सेठ मंदिर चित्तौड़गढ़ में दर्शन करने आएगा।
इस सूचना पर एजीटीएफ ने सांवलिया सेठ मंदिर पहुंच बदमाश को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। जैसे ही सुमित मांजू मंदिर में दर्शन करने आया, टीम ने पहचान की। मंदिर से बाहर आते ही घेर कर इसे पकड़ लिया गया। यह बदमाश मादक पदार्थों की तस्करी में काफी सालों से लिप्त है। मेवाड़ से डोडा चुरा व अफीम लाकर मारवाड़ क्षेत्र में सप्लाई करता है। सुमित ब्यावर जिले के थाना सेन्दड़ा व पाली के शिवपुरा में साल 2022 और 2023 में पुलिस नाकाबंदी तोड़कर भागने के दौरान पीछा करने पर पुलिस कर्मियों पर फायरिंग कर फरार हो गया था।
साल 2022 में पाली जिले के रायपुर थाना इलाके में दो बार आम लोगों द्वारा मादक पदार्थ से भरी गाड़ी पकड़ने व पुलिस को सूचना देने पर आरोपी फायरिंग कर फरार हो गया। फायरिंग में एक आमजन की मौत हो गई थी। एडीजी ने बताया कि इस कार्रवाई में हेड कांस्टेबल महावीर सिंह की विशेष भूमिका रही। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आशा राम चौधरी के नेतृत्व में गठित की गई टीम में इंस्पेक्टर राम सिंह नाथावत, हेड कांस्टेबल महावीर सिंह, शंकर दयाल शर्मा, कमल सिंह, राकेश, कांस्टेबल रत्तीराम व चालक मुकेश शामिल थे।