फ्रैशर्स को हायरिंग के आधुनिक समाधान उपलब्ध कराने के लिए अपनाडाॅटको ने पेश किया ‘अपना कैनवास’

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जयपुर। भारत के प्रमुख जाॅब्स एवं प्रोफेशनल नेटवर्किंग प्लेटफाॅर्म अपनाडाॅटको ने ‘अपना कैनवास’ लाॅन्च किया है, एक समाधान जो फ्रैशर्स (0-3 साल) के लिए हायरिंग की प्रक्रिया को पूरी तरह से बदल देगा। 2500 शहरों में 22,000 से अधिक काॅलेजों से 2 करोड़ से अधिक फ्रैशर्स के साथ यह प्लेटफाॅर्म प्रतियोगिताओं एवं कौशल मूल्यांकन के माध्यम से हर फ्रैशर के लिए हायरिंग एवं टेलेंट असेसमेन्ट की प्रक्रिया को बेहद आसान बना देता है।

निर्मित पारीख, सीईओ एवं संस्थापक अपनाडाॅटको ने कहा, ‘अपना कैनवास’ एक अनूठी पहल है जो रिक्रूटमेन्ट प्रक्रिया की खामियों को दूर करती है, अब तक ऐसा कोई प्लेटफाॅर्म नहीं है जो इन समस्याओं को दूर करने के लिए प्रयासरत हो। हर साल देश में 41 लाख छात्र ग्रेजुएट होते हैं, इसके बावजूद फ्रैशर्स के लिए कोई सेंट्रलाइज़्ड प्लेटफाॅर्म नहीं था, इसी को ध्यान में रखते हुए हम यह प्लेटफाॅर्म लेकर आए हैं।

पीडब्ल्यूसी, स्विगी और फोनपे जैसी कंपनियां इस प्लेटफाॅर्म के माध्यम से युवाओं की प्रतिभा का लाभ उठाने के लिए तैयार हैं। यह प्लेटफाॅर्म भारत में फ्रैशर्स के हायरिंग के तरीके को पूरी तरह से बदल देगा, हम इसके प्रभाव को देखने के लिए बेहद उत्सुक हैं।’’

आल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन 2020-21 के अनुसार हर साल भारत में लगभग 41 लाख छात्र ग्रेजुएट होते हैं, इसके बावजूद अब तक ऐसा कोई सेंट्रलाइज़्ड प्लेटफाॅर्म नहीं था जो इन फ्रैशर्स को एम्प्लाॅयर्स के साथ जोड़ सके। ‘अपना कैनवास’ उनकी इसी ज़रूरत को पूरा करता है, जिसके ज़रिए उम्मीदवारों का मूल्यांकन कर उन्हें फिल्टर किया जाता है। इस तरह उन्हें सही नौकरी पाने में मदद मिलती है।

वहीं दूसरी ओर कंपनियों के लिए भी फ्रैशर्स के साथ जुड़ना आसान हो जाता है और हायरिंग प्रक्रिया में लगने वाले समय, लागत और लाॅजिस्टिक्स खर्च में भी कमी आती है। इस प्लेटफाॅर्म का उद्देश्य हायरिंग की चुनौतियों को दूर करना और कंपनियों को फ्रैशर्स के साथ जोड़कर दोनों पक्षों की सफलता को सुनिश्चित करना है।

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