मां-बाप के झगड़े में बुआ ने नाबालिग को बेचा, नाबालिग बनी दो बच्चों की मां

मुरलीपुरा थाना इलाके में माता-पिता के झगड़े के बीच बुआ ने एक नाबालिग को बेच दिया। 14 साल की बालिका दो बच्चों की मां बन गई।

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जयपुर। मुरलीपुरा थाना इलाके में माता-पिता के झगड़े के बीच बुआ ने एक नाबालिग को बेच दिया। 14 साल की बालिका दो बच्चों की मां बन गई। पीडिता किसी तरह जान बचाकर जयपुर पहुंची और पुलिस की शरण ली। पुलिस ने मामला दर्ज कर  किशोरी की खरीद-फरोख्त के मामले में आरोपी बाप-बेटे को अरेस्ट किया है। फिलहाल आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।

पुलिस उपायुक्त पश्चिम अमित कुमार ने बताया कि मुरलीपुरा थाना इलाके में पति-पत्नी के आपसी झगड़े ने एक किशोरी का बचपन छीन लिया। 11 साल की बालिका माता-पिता के झगड़े में पिसकर रह गई। झगड़े के चलते माता-पिता अलग रहने लगे। 11 साल की बेटी को बुआ के हवाले कर दिया। बुआ ने नाबालिग भतीजी को पाल पोसकर बड़ा करने के बजाय हरियाणा के एक परिवार को 2 लाख रुपए में बेच दिया।

परिवार में बच्ची के साथ दरिंदगी शुरू हो गई। 12 साल की उम्र में बालिका ने बेटे को जन्म दिया। अब वह 14 साल की उम्र में दो महीने पहले बेटी को जन्म दिया। परिवार के उत्पीड़न से बचकर भागी किशोरी ने दो दिन पहले मुरलीपुरा थाने में शिकायत दर्ज करवाई।पुलिस ने नाबालिग की खरीद-फरोख्त व पॉक्सो एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज की। एक टीम को अंबाला भेज गया। जहां एक सीमेंट फैक्ट्री से बालिका की खरीद-फरोख्त मामले में आरोपी बाप-बेटे को अरेस्ट किया गया।

डीसीपी ने बताया कि आरोपी बाप-बेटे ने बालिका को खरीदने के बाद फर्जी डॉक्यूमेंट से उसका आधार कार्ड बनवा लिया। आधार कार्ड में बालिका की उम्र 24 साल बताई है। जिससे कोई उनसे बालिका के बारे में पूछताछ करे तो आधार कार्ड दिखाकर उसे चुप कर दे। आरोपियों से पूछताछ करने के साथ ही बालिका की बुआ के संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है।उत्तर प्रदेश निवासी 14 साल की लड़की की शिकायत पर पॉक्सो एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई थी। वह पिछले करीब 7-8 महीने से मुरलीपुरा इलाके में किराए से रह रही है।

नाबालिग ने पुलिस को बताया कि  उसके माता-पिता पहले मुरलीपुरा इलाके में ही किराए से रहते थे। दोनों के बीच झगड़ा होता था, जिसके कारण दोनों अलग रहने लगे। झगड़े के बाद माता-पिता ने उसे नीमराना में रहने वाली बुआ को सौंप दिया। बुआ ने उसे हरियाणा में एक परिवार को बेच दिया। परिवार के टॉर्चर से परेशान होकर करीब 8 महीने पहले जयपुर आ गई। 2 साल के बेटे को परिवारवालों ने ही रख लिया। इसके बाद दो महीने की बेटी को लेकर वह जयपुर आकर रहने लगी।

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