जयपुर। मानसरोवर के मान्यावास स्थित इंजीनियर्स कॉलोनी के नवीन जिनालय में शनिवार से शुरू होने वाले तीन दिवसीय पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में सान्निध्य प्रदान करने के लिए आचार्य शशांक सागर महाराज ससंघ का शुक्रवार को शोभायात्रा के साथ मंगल प्रवेश हुआ। आचार्य सांगानेर से विहार कर स्वर्ण पथ पहुंचे तो सकल जैन समाज इंजीनियर्स कॉलोनी ने अगवानी की। यहां से गाजेबाजे और शोभायात्रा के रूप में न्यू सांगानेर रोड़, स्वर्ण गार्डन रोड़ से होते हुए इंजीनियर्स कॉलोनी के नवीन जिनालय में प्रवेश करवाया।
आचार्य संघ का पाद प्रक्षालन और पुष्पवर्षा कर जिनालय में स्वागत किया गया। सकल जैन समाज ने अष्ट द्रव्य के साथ पंच कल्याणक में सान्निध्य प्रदान करने के लिए श्रीफल प्रदान कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान ब्रह्मचारी जिनेश भैया ने पंच कल्याणक क्रियाओं पर प्रकाश डाला। इस दौरान कमलचंद छाबड़ा, अशोक जैन खेड़ली वाले, पुष्पेंद्र जैन पचेवर वाले, प्रमोद बाकलीवाल, मयंक जैन, अरविंद सेठी, राजेंद्र सोनी, अनिल बोहरा, अशोक जैन, मनीष जैन, मनीष छाबड़ा, सपन जैन, रवि जैन, गिरीश जैन, इंजीनियर्स कॉलोनी जैन महिला मंडल की सदस्याओं सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे।
पंच कल्याणक महोत्सव आज से: शनिवार से आचार्य शशांक सागर महाराज ससंघ सान्निध्य, पंडित धर्मचंद शास्त्री एवं ब्रह्मचारी जिनेश भैया के निर्देशन में तीन दिवसीय पंच कल्याणक प्रतिष्ठा का शुभारंभ शनिवार को सुबह 5:30 बजे से प्रारंभ हो जाएंगे। प्रथम दिन गर्भ कल्याणक की क्रियाएं होगी। मंगलाष्टक, श्रीजी के कलशाभिषेक और शांतिधारा से इसकी शुरुआत होगी। सुबह 6:30 बजे 108 महिलाओं के साथ घटयात्रा निकाली जाएगी। 7:30 बजे ध्वजारोहण के बाद पांडाल उद्घाटन, वेदी शुद्धि पांडाल, वेदी शुद्धि संस्कार मंदिर, चित्र अनावरण, दीप प्रवज्जलन, नांदी कुंभ स्थापना और आचार्य शशांक सागर महाराज के मंगल प्रवचन होंगे।
दोपहर 1 बजे से सकलीकरण, इंद्र प्रतिष्ठा, मंडल प्रतिष्ठा, श्री यागमंडल विधान पूजन होगा। भगवान की माता बनने वाली तारा देवी कमलचंद छाबड़ा की गोद भराई होगी। शाम 7 बजे से श्रीजी की आरती, आचार्य संघ की आरती, शास्त्र सभा, राज दरबार, इंद्र दरबार, रत्न वर्षा, हस्तिनापुर नगरी रचना, सोलह स्वप्न, 56 अष्ट कुमारियों द्वारा माता की सेवा सम्पन्न करवाई जाएगी। मध्य रात्रि 12:45 बजे से बाल ब्रह्मचारी धर्मचंद शास्त्री और ब्रह्मचारी जिनेश भैया के निर्देश में गर्भ कल्याणक की आंतरिक क्रियाएं संपन्न होगी।