देवगुरु बृहस्पति उदित होने से मांगलिक कार्य शुरू, फिर गूंजेगी विवाह की शहनाई

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24 couples became companions in mass marriage ceremony ​
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जयपुर। देवगुरु बृहस्पति वृषभ राशि की यात्रा पर गोचर करते हुए उदय हो चुके हैं, इससे पहले ये इसी राशि पर एक मई को प्रवेश करते हुए 6 मई को अस्त हुए थे। इनके उदय होने से गोचर ग्रह की स्थितियों में भारी सुधार होगा। ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि जिनकी जन्म कुंडली में गुरु शुभ भाव में गोचर कर रहे थे उनके लिए सुखद संकेत है किंतु जिनकी जन्म कुंडली के अशुभ भाव में गोचर कर रहे थे उनके लिए इनका शुभ फल उतना अच्छा नहीं कहा जा सकता।

इनके उदय होने का सभी राशियों पर प्रभाव पड़ेगा। ज्योतिष में देवगुरु बृहस्पति का स्थान सर्वोपरि माना गया है। बृहस्पति से ही शुभ कार्यों को जोडक़र देखा जाता है। सनातन धर्म में ऐसी मान्यता है कि जब बृहस्पति अस्त होते हैं तो शुभ कामों पर विराम लग जाता है और जब उदय होते हैं तो शुभ काम शुरू होते हैं। ऐसे में देवगुरु बृहस्पति के उदित होने से शुभ कार्यों की शुरुआत होगी।

बृहस्पति उदय के साथ कुछ राशियों पर इसका खास असर पड़ेगा। ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति को शुभ ग्रह बताया गया है। गुरु पूर्व क्षितिज पर उदित हो गए हैं। इनके शुभ प्रभाव में वृद्धि होगी। गुरु उदय होना ज्योतिषीय दृष्टि से एक शुभ घटना है।

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