मुंबई : भारत की अग्रणी कार्यस्थल संस्कृति परामर्श कंपनी अवतार ने ‘भारत में महिलाओं के लिए सर्वश्रेष्ठ कंपनियों’ (बीसीडब्ल्यूआई) सूची का 10वां संस्करण जारी किया। इस बार 125 कंपनियां इसमें शामिल हुईं। खास बात यह रही कि नेतृत्व स्तर पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व पहली बार 20प्रतिशत तक पहुंच गया, जबकि कुल महिला कर्मचारियों का अनुपात 35.7% पर स्थिर रहा।
प्रोफेशनल सर्विसेज क्षेत्र 44.6% महिला कर्मचारियों के साथ सबसे आगे रहा, वहीं आईटीईएस 41.7 प्रतिशत पर दूसरे स्थान पर रहा। फार्मा (25 प्रतिशत), एफएमसीजी (23प्रतिशत) और मैन्युफैक्चरिंग (12प्रतिशत) सेक्टर भी लगातार महिला सहभागिता बढ़ाने की दिशा में प्रयासरत हैं।
अध्ययन के अनुसार, पुरुषों और महिलाओं दोनों की नौकरी छोड़ने की दर लगभग 20% है। दोनों ही समूहों के लिए प्रमुख कारण “बेहतर करियर अवसर” रहे। हालांकि महिलाओं में स्वास्थ्य और वेलनेस से जुड़े मुद्दे नौकरी छोड़ने के बड़े कारण के रूप में सामने आए, जो बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी से भी अधिक रहे।
अवतार की संस्थापक और चेयरपर्सन डॉ. सौंदर्या राजेश ने कहा, “2016 में औसतन 25% महिला प्रतिनिधित्व था, जो इस साल बढ़कर 35.7% हो गया है। सी-सूट में महिलाओं की भागीदारी भी 13% से बढ़कर 20% तक पहुंच गई है। सबसे उत्साहजनक पहलू यह है कि ये प्रगति अब सिर्फ मल्टीनेशनल कंपनियों तक सीमित नहीं, बल्कि भारतीय कंपनियों की हिस्सेदारी भी 2021 के 25% से बढ़कर इस साल 40% हो गई है।”
बीसीडब्ल्यूआई 2025 के लिए कुल 365 संगठनों ने आवेदन किया, जिनमें ऑटोमोबाइल, बीएफएसआई, रसायन, एफएमसीजी, ई-कॉमर्स, आईटी, हेल्थकेयर, फार्मा, रियल एस्टेट, मीडिया, लॉजिस्टिक्स और प्रोफेशनल सर्विसेज समेत कई सेक्टर शामिल रहे।
अवतार और सेरामाउंट ने 2025 के लिए भारत में महिलाओं के लिए शीर्ष 10 सर्वश्रेष्ठ कंपनियों की सूची में जगह बनाई है।
(अनिल बेदाग)