जयपुर। कार्तिक मास की शुक्त पक्ष की द्वितीया तिथि को प्रदेश भर में भाई दूज का पर्व धूमधाम से मनाया गया। यम द्वितीय रविवार को बहनों ने अपने भाईयों को तिलक लगा कर उनका मुंह मीठा कराया और आरती कर उनकी लंबी आयु की कामना की। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार बहन भाई को तिलक लगाती है तो भाई -बहन दोनो के जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।
ज्योतिषचार्य राजेंद्र शास्त्री के बताए अनुसरार द्वितीय तिथि का शुभारंभ शनिवार रात 8 बजकर 22 मिनट पर हुआ था,जबकि रविवार रात 11 बजकर 6 मिनट पर द्वितीया तिथि समाप्त हुई।इसलिए भाई को तिलक प्रात 6 बजकर 45 मिनट से लेकर 11 बजकर 38 मिनट पर लगाया गया। इसके बाद कुछ जगहों पर बहनों ने अपने भाई को गुलिक काल में 2 बजकर 52 मिनट से लेकर 4 बजकर 5 मिनट पर भी तिलक लगा कर उसकी लंबी आयु की कामना की।
महिलाओं ने सामूहिक रूप से भाईदूज की कहानी सुनी
दीपावली के पांच दिवसीय महापर्व के अंतिम दिन रविवार को भाई दूज का पर्व मनाया गया। इस मौके पर जिलेभर में बहनों ने अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी आरती उतारी और भाई की लम्बी उम्र की कामना की। इसके बाद भाइयों ने बहनों को उपहार स्वरूप रुपए, कपड़े और अन्य सामान दिया।
भाई दूज के पर्व पर महिलाओं ने सामूहिक रूप से भाईदूज मनाकर कहानी सुनी। मोहल्ले की बुजुर्ग महिलाओं ने भाईदूज की कहानी सुनाई। इसके बाद बहनों ने घर जाकर भाइयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु की कामना की और भाईदूज का पर्व मनाया। वहीं भाइयों ने भी बहनों को अनेक प्रकार के उपहार भेंट किए। इसके साथ ही दीपावली के पांच दिवसीय महापर्व का भी समापन हो गया। दीपोत्सव के अंतिम दिन भी बाजारों में भीड़ रही और लोगों ने जरूरत की चीजों की खरीददारी की।