जयपुर। विश्व मंगलम सेवा संस्थान की ओर से आदर्श विद्या मंदिर झोटवाड़ा में आयोजित श्री राम कथा महोत्सव के तीसरे दिन शुक्रवार को व्यासपीठ से मदन मोहन महाराज ने नारद मोह और राम जन्मोत्सव की कथा का श्रवण कराया। उन्होंने कहा कि नारद के मोह का नाश करना भगवान के लिए बहुत जरूरी था। भगवान अपने भक्त में अहंकार नहीं देखना चाहते। क्योंकि अहंकार पतन का कारण बनता है।
राम जन्म की कथा के दौरान उन्होंने कहा कि मर्यादाओं और आदर्शों की स्थापना के लिए ही भगवान राम ने अवतार लिया। भए प्रगट कृपाला दीनदयाला…चौपाई के माध्यम से रामलला के जन्म की खुशी मनाई गई। बधाइयां गाई और उछाल की। एक अन्य प्रसंग में उन्होंने कहा कि हर समय व्यक्ति को भगवान का नाम स्मरण करते रहना चाहिए।
जीवन में चाहे कितना ही बड़ा कष्ट हो प्रभु नाम के स्मरण से बड़े से बड़ा कष्ट भी दूर हो जाता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को हर पल हर क्षण प्रभु के नाम का स्मरण करना चाहिए। कथा के सह संयोजक जगदीश दुसाद एवं कमलेश कैदावत ने बताया कि शनिवार को राम-जानकी विवाह उत्सव मनाया जाएगा।




















