July 17, 2025, 5:17 am
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भाजपा गुरु पूर्णिमा पर साधु-संतों का करेगी सम्मान: मदन राठौड़

जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि गुरु परंपरा भारत की आत्मा है और सनातन संस्कृति का मूल आधार है। इसी भावना के अनुरूप भारतीय जनता पार्टी के सभी जनप्रतिनिधि एवं पदाधिकारी, सांसद, महापौर, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, पार्षद तथा पार्टी के अन्य पदाधिकारी गुरू पूर्णिमा पर अपने-अपने क्षेत्रों के प्रमुख धार्मिक स्थलों जैसे मठ, मंदिर, आश्रम, गुरुद्वारा आदि में जाकर गुरुओं का आदर पूर्वक सम्मान करेंगे।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि गुरु पूर्णिमा पर आयोजित विशेष कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल श्रद्धा का प्रतीक बनना है, बल्कि सनातन परंपरा के संरक्षण एवं संवर्धन का माध्यम भी बनाना है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत संतों, महर्षियों के आश्रमों में निवास करने वाले ग्रंथियों, महापुरुषों एवं सेवा धारियों का भी सम्मान किया जाएगा।

पार्टी कार्यकर्ता इन कार्यक्रमों की तस्वीरों को सोशल मीडिया पर साझा करेंगे ताकि यह संदेश व्यापक स्तर पर फैले और युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जुड़ने की प्रेरणा मिले। उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा गुरु पूर्णिमा पर आयोजित यह सम्मान कार्यक्रम न केवल श्रद्धा और संस्कृति का संगम होगा, बल्कि एक सामाजिक कर्तव्य के निर्वहन की दिशा में एक सशक्त पहल भी साबित होगा।

कार्यक्रम संयोजक डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने बताया कि भाजपा शीर्ष नेतृत्व की ओर से गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर सभी सनातन संस्कृति के संत महात्माओं का सम्मान करने का निर्णय किया गया है। इसके लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ की अध्यक्षता में मंगलवार को प्रदेश स्तरीय वर्चुअल बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी एवं पार्टी के सभी 44 जिलाध्यक्ष, पदाधिकारियों के साथ संवाद किया गया।

सह संयोजक सौरभ सारस्वत ने बताया कि संगठन की ओर से प्रदेश अध्यक्ष से लेकर बूथ अध्यक्ष और सरकार के स्तर पर मुख्यमंत्री से लेकर पार्षद तक सभी अपने क्षेत्र में साधु-संतों का सम्मान करेंगे। इस सम्मान कार्यक्रम में हर वर्ग के धर्म गुरुओं के साथ-साथ सिख धर्म, जैन धर्म के संत महात्माओं तक भी पार्टी के पदाधिकारी पहुंचेंगे और उनका आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। इस दौरान श्रीफल, शॉल, माला से बहुमान करने के बाद आशीर्वाद लिया जाएगा। इसमें साधु-संत, कथा वाचक, मंदिरों के पुजारी, ग्रंथी, महापुरुषों एवं आश्रमों में रहने वाले संत जनों का सम्मान किया जाएगा।

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