नाले में बोरे में लिपटी लाश मिलने का मामला: साढू ने ही पैर से गला दबाकर की थी हत्या

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Case of dead body found wrapped in a sack in the drain: Brother-in-law had killed the girl by strangulating her with his feet
Case of dead body found wrapped in a sack in the drain: Brother-in-law had killed the girl by strangulating her with his feet

जयपुर। शिप्रा पथ थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 13 अक्टूबर को सीके बिड़ला अस्पताल के पास नाले में बोरे में लिपटी लाश मिलने के मामले में एक आरोपी को पकडा है। पुलिस के अनुसार मृतक के साढू भाई ने ही उसकी हत्या की थी। पुलिस जांच में सामने आया है कि मृतक अपने साढू भाई की नाबालिग बेटी पर गंदी नजर रखता था। जिसके चलते आरोपित ने मौका मिलते ही पैर से गला दबाकर हत्या कर दी। फिर बोरे में शव बांधकर नाले में फेंक दिया। पुलिस ने इस पूरे मामले का खुलासा गूगल लेंस की मदद से किया। इसके जरिए पुलिस मृतक की पहचान कर एक हजार किलोमीटर दूर पहुंची।

कार्यवाहक पुलिस उपायुक्त जयपुर दक्षिण देवेन्द्र विश्नोई ने बताया कि शिप्रा पथ थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 13 अक्टूबर को सीके बिड़ला अस्पताल के पास नाले में बोरे में लिपटी लाश मिलने के मामले में जनक बहादुर कठायत (34) पुत्र जगत बहादुर निवासी कैलाली नेपाल को गिरफ्तार किया है। वह पिछले करीब पांच साल से जयपुर में दुर्गापुरा के नालंदा विहार में किराए से परिवार सहित रहकर कार साफ का काम करता है।

सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी मानसरोवर) आदित्य काकड़े ने बताया कि 13 अक्टूबर को शिप्रापथ इलाके में सीके बिरला हॉस्पिटल के पीछे नाले में लाश मिली थी। नाले में पानी पर आई लाश दिखने पर लोगों में दहशत फैल गई। पुलिस ने जेसीबी की मदद से नाले से शव को बाहर निकाला। पुलिस प्रथम दृष्टया जांच में युवक की हत्या कर नाले में शव फेंकने का पता चला। लाश की पहचान कर पाना पुलिस के चुनौतीपूर्ण था। मृतक के कपड़ों के आधार पर पुलिस ने पहचान के प्रयास शुरू किए। पुलिस ने मृतक की पेंट के पीछे लगे टेलर नयन के लोगो को गूगल लेंस से सर्च किया। इंडिया में इस नाम के पचास से अधिक टेलर्स की जानकारी मिली। गूगल से सम्पर्क नंबर निकालकर सभी टेलर्स से सम्पर्क किया गया।

संपर्क कर वॉट्सऐप पर उनके लोगों को मंगवाया गया। मृतक की पेंट के लोगो को मैच किया गया। नौ सौ किलोमीटर दूर गुजरात के जामनगर स्थित एक टेलर का लोगो मैच हुआ। लोगो के साथ ही पेंट की फोटो भेजने पर दुकान पर काम करने वाले एक टेलर ने खुद की सिलाई होना बताया। मृतक की सड़ी-गली लाश की फोटो भेजने पर टेलर ने आस-पड़ोसियों की मदद ली। 18 अक्टूबर को मृतक की पहचान तपेंद्र बहादुर के रूप में होना बताया। परिवार के साथ जयपुर में ही रहना की बात सामने आई।

एसीपी आदित्य ने बताया कि मृतक तपेन्द्र (40) मूलतः नेपाल का रहने वाला था। करीब एक महीने पहले ही तपेन्द्र अपनी पत्नी नबीना और तीनों बच्चों को लेकर जयपुर आया था। त्रिवेणी नगर गोपालपुरा बाईपास के पास किराए पर कमरा लेकर परिवार के साथ रहने लगा। तपेन्द्र यहां रहकर कार वाशिंग का काम करने लगा। उसकी पत्नी एक व्यवसायी के घर पर आया का काम करने लगी। नौकरी पर जाने के दौरान पति-पत्नी अपने तीनों बच्चों को पास ही रहने वाले साढ़ू जनक बहादुर कठायत के घर पर छोड़ जाते थे।

थानाधिकारी अमित शर्मा ने बताया कि आठ अक्टूबर को पत्नी नबीना अपनी मालकिन के साथ अलवर चली गई थी। नौकरी खत्म होने के बाद तपेंद्र साढ़ू के घर से अपने बच्चों को लेने जाता था। 10 अक्टूबर की शाम तपेन्द्र शराब के नशे में बच्चों को लेने साढ़ू जनक बहादुर के घर पहुंचा। घर पहुंचने पर साढ़ू की नाबालिग बेटी पर तपेन्द्र गंदी नजर डालने लगा। नाबालिग बेटी ने मौसा की हरकतों को देखकर तुरंत अपने पिता जनक को मोबाइल कॉल पर जानकारी दी। गुस्से में घर लौटे जनक के पहुंचने पर तपेंद्र की गलत नजर से देखता हुआ मिला।

थानाधिकारी अमित शर्मा ने बताया कि आरोपी जनक ने गुस्से में तपेंद्र को लात-घूसों से जमकर पीटा। मारपीट के बाद जमीन पर पड़े तपेंद्र के गले पर खड़े होकर पैर रखकर दबा दिया। तपेन्द्र की सांस बंद होने तक जनक ने अपने पैर से गला दबाए रखा। तपेंद्र को मारने के बाद कमरे में लाश को छोड़कर रात होने का इंतजार करने लगा।

थानाधिकारी जनक बहादुर ने अपने साथी को साढ़ू भाई तपेंद्र की हत्या के बारे में बताया। साथी को घर बुलाकर तपेंद्र के शव को एक बोरे में डालकर बांधा गया। रात स्कूटी पर बोरे में बंधी तपेंद्र की बंधी लाश को लेकर घर से रवाना हुए। करीब डेढ़ किमी दूर सीके बिरला हॉस्पिटल के पीछे नाले में लाश को फेंक वापस घर लौट आया। 17 अक्टूबर को मालकिन के साथ मृतक की पत्नी नबीना भी जयपुर आ गई थी। 18 अक्टूबर घर पहुंची नबीना को नाले में मिलने के दौरान फोटो दिखाने पर उसके पति की होना बताया।

18 अक्टूबर को मृतक की पहचान तपेंद्र के रूप में होने पर परिजन-रिश्तेदारों से पूछताछ की गई। साढू भाई के बदले हाव-भाव को देखकर शक होने पर पुलिस पूछताछ की। सख्ती से पूछताछ में आरोपी जनक बहादुर ने साडू भाई तपेन्द्र की हत्या कर बोरे में बांधकर शव को स्कूटी से नाले में फेंकना स्वीकार किया। पुलिस शव को फेंकने के दौरान उसकी मदद करने वाले साथी की तलाश कर रही है।

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