जयपुर। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कार्रवाई करते हुए रिश्वत मांगने और पहली किस्त के रूप में 1.3 लाख रुपये स्वीकार करने के आरोप में एसईसीएल नौरोज़ाबाद जिला उमरिया (मध्य प्रदेश) के उप क्षेत्र कार्यालय के आरोपी पीएफ क्लर्क को गिरफ्तार किया है।
सीबीआई के अनुसार भविष्य निधि क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर के कोयला खान आयुक्त और आरोपी पीएफ क्लर्क (बाबू), उप क्षेत्र सहित दो आरोपियों के विरूद्ध इस आरोप पर मामला दर्ज किया था कि आरोपी ने शिकायतकर्ता के पिता की लंबित भविष्य निधि जारी करने के लिए 5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी।
शिकायत में आरोप लगाया गया था कि उसके पिता कुदरी कोयला खान में काम करते थे, जिनका देहांत 14 मई 2021 को हो गया था और वह अपने पिता की लंबित भविष्य निधि जारी कराने के लिए कई बार उप क्षेत्र कार्यालय नौरोज़ाबाद गया था। जहां उसकी मुलाकात आरोपी पीएफ क्लर्क से हुई। कथित तौर पर आरोपी पीएफ क्लर्क ने शिकायतकर्ता को बताया कि उसके पिता की भविष्य निधि की राशि लगभग 50-60 लाख रुपये है।
इस संबंध में उसकी मुलाकात आरोपी आयुक्त कोयला खान से कराई गई। आयुक्त के कार्यालय से बाहर आने के बाद आरोपी पीएफ क्लर्क ने कथित तौर पर उन्हें जानकारी दी कि उसका काम हो जाएगा और 5 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की । यह भी बताया कि आयुक्त कोयला खान को ढाई लाख की राशि देनी होगी।
इसके बाद आरोपी पीएफ क्लर्क ने कथित तौर पर शिकायतकर्ता के रिश्तेदार को कई बार फोन करके रिश्वत की मांग की और पहली किस्त के रूप में डेढ लाख रुपये का भुगतान करने को कहा इस पर सीबीआई ने जाल बिछाया और आरोपी पीएफ क्लर्क को शिकायतकर्ता से पहली किस्त के रूप में 1.3 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया।
इसके अलावा आरोपी क्षेत्रीय आयुक्त सीएमपीएफ के निर्देश पर उनके कार्यालय के सुरक्षा गार्ड ने 1 लाख 30 हजार रुपये की रिश्वत स्वीकार की। इसके अलावा सीबीआई ने आरोपी के परिसरों की तलाशी ली, जहां से आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।