परिवर्तन सिर्फ नारों से नहीं, परिश्रम से आता है: सीएम भजनलाल शर्मा

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Change does not come only from slogans, but from hard work: CM Bhajan Lal Sharma
Change does not come only from slogans, but from hard work: CM Bhajan Lal Sharma

जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि मुसीबत में रिश्तेदार साथ छोड जाते है तब बैंक सहारा बनते है, और सहकारिता हमें समृद्धि का रास्ता दिखाती है, इसके लिए हमें सहकारिता आंदोलन से जुड़कर विकसित राष्ट्र के लिए प्रधानमंत्री मोदी के सपने को साकार करने के लिए आगे आने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि परिवर्तन सिर्फ नारों से नहीं, बल्कि परिश्रम से आता है, और हमनें इस दिशा में काम करके दिखाया है। सहकारी संस्थाओं को जेबी संस्था बनाकर उसमें भ्रष्टाचार करते हुए सहकारिता आंदोलन को नुकसान पहुंचाने का काम कांग्रेस ने किया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा बिड़ला सभागार में सहकार भारती एवं सहकारिता विभाग द्वारा आयोजित अर्बन कॉआपरेटिव बैंक के राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि सहकारिता की शक्ति से ही राष्ट्र निर्माण का मार्ग प्रशस्त होता है। यहीं मार्ग पंडित दीनदयाल उपाध्याय और बाबा साहब के अंतिम पंक्ति में खडे अंतिम व्यक्ति को समाज की मुख्य धारा में लाने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज में बिचौलिए गरीब का हक मार जाते थे, एनपीए की स्थिति भयावह थी, और भ्रष्टाचार की कहानी हर व्यक्ति की जुबानी थी, पर हमने स्थिति को बदला है। आज सीधे लाभ व्यक्ति के खाते में जाता है। पारदर्शिता और जवाबदेही के कारण सुधार दिख रहा है। हमने काम की समय सीमा तय की है और सहकारिता में राजनीति से उपर उठकर जनकल्याण को महत्वपूर्ण माना है। जिसके कारण आम व्यक्ति के जीवन स्तर में सुधार और छोटे व्यवसायियों, स्वयं सहायता समूहों को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि हमने कल ही जबरन धर्मान्तरण पर रोक लगाने का कानून बनाकर उन लोगों के मंसूबों पर पानी फेर दिया है जो समाज को नुकसान पहुंचाना चाहते है, और देश को जलाने की सोचते है। कांग्रेस राज में धर्मान्तरण और लव जिहाद के गिरोह सक्रिय थे, इसलिए उनपर रोक के लिए कदम उठाए जा रहे है तो कांग्रेस के पेट में दर्द हो रहा है। भोले भाले आदिवासी समाज को बरगलाकर धर्म परिवर्तन करना, दबाव देकर धर्म परिवर्तन करना और समाज को लव जेहाद का शिकार बना देने वाले गिरोह के साथ कांग्रेस की साठगांठ सदा ही रही है, क्योंकि कांग्रेस का काम ही यह ही है भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण को बढ़ावा देना।

उन्होंने कहा कि अब सहकारिता आंदोलन कांग्रेस की तरह जेबी संस्था बनकर नहीं रहेगा। इसके लिए 2 अक्टूबर से 15 दिन का सदस्यता अभियान प्रदेशभर में चलाया जाएगा। उन्होंने सहकार भारती द्वारा सहकार से समृद्धि की ओर समाज को बढाने की दिशा में किए जा रहे कार्यों की भूरी भूरी प्रशंसा की। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इससे पूर्व सहकार भारती के सदस्यता एप्लीकेशन का शुभारंभ कर अपनी सदस्यता ग्रहण की एवं अर्बन बैंक के लिए मार्ग दर्शिका का विमोचन किया।

रिजर्व बैंक के गर्वनर सतीश मराठे ने कहा कि बदलते समय के साथ कदम ताल करते हुए अर्बन कॉ—आपरेटिव बैंक को अपनी रफ्तार और विश्वसनीयता बढानी होगी। इसके लिए उन्हें पारदर्शिता, डिजिटिलाइजेशन और तकनीकि दक्षता संवर्धन के साथ ही अपने कार्य क्षेत्र में कार्मिकों को कार्य संस्कृति विकसित करनी पडेगी। उन्होंने कहा कि अर्बन बैंक को अपनी पूंजी में वृद्धि के लिए सदस्यता को बढ़ाना होगा। केवल इस डर से कि नए लोग आ जाएंगे, इसे रोकना उनके लिए घातक हो सकता है। केवल जमा पूंजी के आधार पर काम करने से बैंक का स्थायित्व नहीं होता, हमें अपनी बैलेंस शीट में बिल्डिंग फंड के साथ—साथ तकनीकि में सुधार के साथ ही आवश्यक सुधार करते हुए सभी विषयों पर पॉलिसी बनानी की आवश्यकता है।

मराठे ने कहा कि हमें रिस्क मैनेजमेंट के लिए अपनी इंटरनल आडिट को करने के साथ विश्वास, सेवा और पारदर्शिता के त्रि मंत्र को स्वीकार कर काम करना होगा। यदि हम संभावित नुकसान की स्थिति से बचना चाहते है तो हमें कैपिटल बढानी पडेगी, तकनीक में सुधार करना होगा और साइबर अटैक की स्थिति में अपने आप को बचाने के साथ ही ग्राहकों को और अपने सदस्यों की पूंजी को सुरक्षित रखने के लिए प्रभावी कदम उठाने पडेगे।

सहकारिता मंत्री गौतम दक ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अगुवाई में सहकारिता विभाग प्रभावी कार्य कर रहा है, यही कारण है कि गुणवता और सूचकांक में राजस्थान पहले से पांचवे पायदान पर लगभग हर गतिविधि में है। हमने राज्य में अर्बन बैंकों की समस्याओं के समाधान के लिए त्वरित कदम उठाए है। अर्बन कॉ आपरेटिव को बढावा देने के लिए जरूरी है कि संचालक मंडल अपने मन को बडा रखकर बडी सोच के साथ नए सदस्यों को जोडें और संचालक मंडल में नए लोगों को जोडे।

सहकार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ उदय जोशी ने अधिवेशन की प्रस्तावना रखते हुए कहा कि सहकार भारती के अलग—अलग प्रकोष्ठों का यह 13वां राष्ट्रीय अधिवेशन है। उन्होंने कहा कि कॉआपरेटिव बैंक में हुए नवाचारों और कम्प्यूटराइजेशन से साइबर सुरक्षा का खतरा भी उत्पन्न हुआ है, क्योंकि अर्बन बैंक इसके साफ्ट टारगेट बनते है, इसके लिए हमें आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमने अर्बन बैंकों के लिए आनटेप लाइसेंस के लिए मांग उठाई है, नई बैंक का मान्यता नहीं मिलने के कारण क्रेडिट सोसायटी अपनी क्षमता से डिपॉजिट बढ़ा रही है, ये कहीं ना कहीं खतरनाक होता जा रहा है।

इस दिशा में केंद्र सरकार अब कदम उठा रही है। सहकार भारती अर्बन बैंक में सुधार और सबकी अधिकतम भागीदारी के साथ इस क्षेत्र में काम कर रही है। कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रीय महामंत्री दीपक चौरसिया ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि ग्रामीण अर्थ तंत्र में कॉ आपरेटिव बैंक का योगदान 25 प्रतिशत और कुल बैंकिंग सेक्टर में 10 फीसदी योगदान हो, इसके लिए हम बैंकों के साथ मिलकर काम कर रहे है। स्वागत भाषण स्वागत समिति के अध्यक्ष कृष्ण कुमार टांक ने किया, कार्यक्रम का संचालन प्रदीप चौबीसा ने किया।

उद्घाटन सत्र में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण जैन, सह संपर्क प्रमुख रमेश पप्पा, क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम, वरिष्ठ प्रचारक शिव लहरी, मूलचंद सोनी, सहकारिता विभाग की प्रमुख सचिव मंजू राजपाल सहित लब्ध प्रतिष्ठित नागरिक और 21 प्रदेशो के 212 अर्बन बैंकों के 523 प्रतिनिधि सहित 1125 संख्या उद्घाटन सत्र में उपस्थित थे।

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