जयपुर। हरिनाम संकीर्तन परिवार के तत्वावधान में डी डी ग्रुप की ओर से चौड़ा रास्ता स्थित ताडक़ेश्वर महादेव मंदिर में आयोजित हनुमंत कथा के दूसरे दिन गुरुवार को व्यासपीठ से अकिंचन महाराज ने कहा कि अहंकार मनुष्य का बहुत बड़ा दुश्मन है। धर, पद, रूप, सत्ता, शक्ति का अहंकार व्यक्ति को पतन के गर्त में गिरा देता है। हमें, हनुमान जी के जीवन से मिलती है । अहंकार शून्य रहने की प्रेरणा भगवान की उपासना, स्वाध्याय और संयम का पालन करने वाले व्यक्ति यदि सेवा नहीं करते हैं तो अहंकार का दोष उत्पन्न हो जाता है।
अहंकार तीनों उपलब्धियों पर पानी फेर देता है। इसलिए हमें समय-समय पर सेवा करते रहना चाहिए। सेवा की सीख देने वाले हनुमान जी से कोई बड़ा व्यक्तित्व दिखलाई नहीं पड़ता। समयदान और अंशदान करके समाज की सेवा की जा सकती है। आयोजक ओमप्रकाश शर्मा एवं अन्य प्रारंभ में आरती उतारी। कथा शुक्रवार, 26 जुलाई को भी दोपहर दो से शाम पांच बजे तक होगी। हनुमान चालीसा पाठ के साथ कथा का विश्राम होगा।




















