जयपुर। जवाहर कला केंद्र की सुदर्शन आर्ट गैलरी 3 आज रंगों और रचनात्मकता से गूंज उठी जब भविष्य का समाज के डिजिटल बाल मेला के तहत आयोजित बच्चों की वैश्विक संग्रहालय चित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ हुआ। यह प्रदर्शनी डिजिटल बाल मेला और कला एवं संस्कृति विभाग, राजस्थान सरकार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई है और पूरे सप्ताह दर्शकों के लिए खुली रहेगी।
उद्घाटन के बाद महिला अधिकारिता निदेशालय की अतिरिक्त निदेशक नीतू राजेश्वर ने कहा कि बच्चों को कला और संस्कृति से जोड़ना बेहद आवश्यक है और इस तरह की पहले उन्हें अपनी जड़ों से जोड़ने का एक सुंदर माध्यम बन सकती हैं।
गैलरी में पचास से अधिक वैश्विक संग्रहालयों के मनमोहक चित्र प्रदर्शित किए गए हैं, जो विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों ने तैयार किए हैं। साथ ही, बच्चों को गैलरी में आमंत्रित किया गया है ताकि वे वहीं पेंटिंग बना सकें। आगंतुक न केवल प्रदर्शनी का आनंद ले सकते हैं बल्कि बच्चों से बातचीत कर उनकी रचनात्मक प्रक्रिया को भी करीब से देख सकते हैं।
इस अवसर पर भविष्य का समाज की उपाध्यक्ष रवीता शर्मा ने बताया कि कई प्रतिभाशाली बच्चों ने अंतरराष्ट्रीय धरोहर स्थलों पर अपने विचार चित्रों में उतारे हैं। उन्होंने विशेष रूप से आराध्य अग्रवाल (नेपियर म्यूजियम), कामना कुमारी (कोलोसियम म्यूज़ियम), प्रशस्ति रावत (आम्रपाली म्यूज़ियम) और दिग्विजय सिंह राठौड़ (लौवर म्यूजियम, पेरिस) का उल्लेख किया, जिनकी कृतियाँ दर्शकों का विशेष आकर्षण बनी हुई हैं।
इस अवसर पर डिजिटल बाल मेला की संस्थापक जाह्नवी शर्मा ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य बच्चों को विश्व के 10 हजार से अधिक धरोहर स्थलों और संग्रहालयों की जानकारी हमारे डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से उपलब्ध कराना है, जिससे वे कला और इतिहास के महत्व को गहराई से समझ सकें। कला प्रेमियों, शिक्षकों और अभिभावकों से अनुरोध है कि वे आएं, प्रदर्शनी देखें और बच्चों की इस रचनात्मक पहल का हिस्सा बनें।