सीके बिरला हॉस्पिटल, प्रवासी संघ राजस्थान और नृत्यम फाउंडेशन ने किया गोबर से निर्मित दीपकों का वितरण

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CK Birla Hospital, Pravasi Sangh Rajasthan and Nrityam Foundation distributed lamps made from cow dung.
CK Birla Hospital, Pravasi Sangh Rajasthan and Nrityam Foundation distributed lamps made from cow dung.

जयपुर। आज के आधुनिक युग में जब प्लास्टिक और प्रदूषण हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन चुके हैं, ऐसे में समाज को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रेरित करने वाली पहले अत्यंत आवश्यक हो जाती हैं। इसी भावना को साकार करने के उद्देश्य से सीके बिरला हॉस्पिटल जयपुर, प्रवासी संघ राजस्थान टीम जयपुर और नृत्यम फाउंडेशन ने मिलकर एक विशेष अभियान “स्वच्छता एवं पर्यावरण संरक्षण” के संदेश के साथ आयोजित किया।

इस अभियान के तहत गौमाता के गोबर से निर्मित दीपक तथा प्लास्टिक की जगह कपड़े के थैलों का वितरण किया गया। कार्यक्रम मुख्यतः मुख्य सोडाला स्थित पुराने तेजाजी मंदिर, कमलावती ट्रस्ट एवं अशोका एन्क्लेव स्वेज फार्म सोडाला में आयोजित हुआ। इन स्थानों पर स्थानीय नागरिकों और श्रद्धालुओं को पर्यावरण संरक्षण एवं स्वदेशी उत्पादों के प्रयोग का महत्व बताया गया।

इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से सीके बिरला हॉस्पिटल रिटेल हेड शांतनु सिंह, प्रवासी संघ राजस्थान के प्रदेश संयोजक भीम सिंह कासनिया, नृत्यम संस्थान की निदेशक एवं समाज सेविका काजल सैनी, भाजपा नेत्री सुनीता सैनी, प्रदेश सलाहकार अजय सिंह शेखावत, प्रदेश प्रवक्ता संजय योगी, युवा प्रदेश अध्यक्ष विहान साकुनिया, विष्णु खंडेलवाल, रश्मि भगवाननानी जिला अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ प्रवासी संघ जयपुर, रवि भगवान, शर्मा ज्वैलरी सोडाला एवं कोठारी चैरिटेबल ट्रस्ट के भीमराज कमलावती सहित कई गणमान्य व्यक्तियों की विशेष सहभागिता रही।

सभी ने एक स्वर में कहा कि इस प्रकार की पहल न केवल पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देती हैं, बल्कि समाज को गौ-संरक्षण और स्वदेशी उत्पादों के महत्व से भी जोड़ती हैं। गौमाता के गोबर से बने दीपकों का उपयोग न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि यह भारतीय परंपरा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करता है।

प्रवासी संघ राजस्थान के प्रदेश संयोजक भीम सिंह कासनिया इस प्रयास को “जनजागरण का उत्कृष्ट उदाहरण” बताते हुए इसे नियमित रूप से जारी रखने का सुझाव दिया। यह अभियान वास्तव में एक ऐसा संदेश दे गया कि यदि हर व्यक्ति अपने स्तर पर प्रकृति और संस्कृति के संरक्षण का संकल्प ले, तो स्वच्छ और हरित भारत का सपना साकार हो सकता है।

नृत्यम संस्थान की निदेशक एवं समाज सेविका काजल सैनी ने कहा कि इस अभियान ने स्वदेशी उत्पादों के प्रयोग, गौ-संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण का प्रेरणादायी संदेश समाज तक पहुँचाया है। उपस्थित सभी लोगों ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे सामाजिक जागरूकता का उत्कृष्ट उदाहरण बताया।

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