जयपुर। भारतीय अल्ट्रा रनिंग ने इस वर्ष एक स्वर्णिम अध्याय लिखा है, जब कोच महेश द्विवेदी (वी जे) और सूरज मीणा ने हिमालय की सबसे कठिन ऊँचाई वाली अल्ट्रा मैराथनों में असाधारण प्रदर्शन कर इतिहास रच दिया।
सिल्क रूट अल्ट्रा 2025 में कोच महेश द्विवेदी ने मात्र 15 घंटे, 06 मिनट और 56 सेकंड में दौड़ पूरी कर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। लगभग 18,000 फीट की ऊँचाई, पतली हवा और कठिन चढ़ाइयों से जूझते हुए उन्होंने न केवल नॉन-लद्दाखी श्रेणी में पहला स्थान प्राप्त किया बल्कि पुराना रिकॉर्ड भी एक घंटे से अधिक के अंतर से तोड़कर नया कोर्स रिकॉर्ड कायम किया।
वहीं युवा अल्ट्रा रनर सूरज मीणा ने प्रसिद्ध खारदुंगला चैलेंज 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए 7 घंटे, 21 मिनट और 15 सेकंड में दौड़ पूरी की। उनका यह प्रदर्शन प्रतियोगिता के इतिहास में दूसरा सर्वश्रेष्ठ कोर्स रिकॉर्ड है, जिसने उन्हें देश के सबसे होनहार धावकों की श्रेणी में ला खड़ा किया।
दोनों धावक पिछले 7 महीनों से रोजाना 8-8 घंटे कठिन प्रशिक्षण ले रहे थे अपने सपनों को साकार करने के लिए। विशेष रूप से महेश द्विवेदी की कहानी प्रेरणादायी है—मई 2024 में हुए एक गंभीर हादसे में उनके दाएं पैर की सभी उंगलियाँ टूट गई थीं, लेकिन केवल तीन महीनों में उन्होंने खुद को संभाला और सूरज मीणा के साथ मिलकर लगातार कठिन परिश्रम करते हुए यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की।
जयपुर से वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर विष्णु टाक भी इन्ही से ट्रेनिंग ले रहे हे टांक कई सालों से कोच महेश द्विवेदी से फिटनेस ट्रेनिंग ले रहे हे। फिटनेस में हेल्दी फूड क्या लेना चाहिए और रनिंग को किस तरह पूरा करें इसी के साथ द्विवेदी ट्रेनिंग कैंप रनर सर्कल ग्रुप में सभी को फिटनेस में जागरूक करते हे।
उनकी इस सफलता ने न केवल राजस्थान बल्कि पूरे भारत का नाम रोशन किया है। वर्ष 2025 हमेशा याद किया जाएगा इन दोनों धावकों की हिम्मत, जुनून और ऐतिहासिक उपलब्धियों के लिए, जिन्होंने भारतीय अल्ट्रा रनिंग में नए मानक स्थापित किए।