जयपुर। गुरु दत्तात्रेय स्वरूपाय साधु बाबा के पाटोत्सव के उपलक्ष में सांगानेर स्थित साध बाबा की तपोस्थली पर आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा महायज्ञ का मंगलवार को विश्राम हुआ। इसके साथ ही नौ कुंडीय श्रीराम कथा महायज्ञ की पूर्णाहुति भी मंगलवार को हुई। यज्ञाचार्य पं. सत्यनारायण शर्मा और निर्भय पीठाधीश्वर गोस्वामी संत शंकरपुरी महाराज के सान्निध्य में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने विश्व कल्याण की कामना के साथ यज्ञ भगवान को आहुतियां अर्पित की। सिविल लाइंस विधायक डॉ गोपाल शर्मा भी आयोजन में शामिल हुए और राम कथा वाचक पं. श्रीकृष्ण स्वरूप का आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस मौके पर डॉ गोपाल शर्मा ने अपने संबोधन में राम नाम का महत्व बताया। गोपाल शर्मा ने कहा कि रमन्ते योगिनो अस्मिनीति रामय: जो रोम रोम में बसा हो वह राम है। इस भव सागर को राम का नाम ही पार लगा सकता है। राम नाम से बड़ा कोई मूल मंत्र इस कलियुग में नहीं है। राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे, सहस्त्रनाम ततुल्यम राम नाम वरानने। अर्थात् राम के नाम को महत्व को बताते हुए उन्होंने कहा कि राम का नाम मनोरम है और अपने आप में कई हजार जपों के बराबर है। इसलिए इस कलियुग में राम का नाम सर्वोपरि है। इसका जप करते रहिए और अपने कर्म को करते रहिए।