जयपुर। बिजली विभाग के ठेका कर्मचारी विक्रम धानका की करंट लगने से मौत हो गई। इसके बाद बुधवार सुबह से ही परिजन एसएमएस अस्पताल के मुर्दाघर के सामने विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया। मृतक के परिजनों का आरोप है कि बिजली बोर्ड ने विक्रम को कोई सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं करवाए थे। विभाग की लापरवाही के कारण विक्रम की जान गई है। विधायक गोपाल शर्मा भी परिजनों से मिलने पहुंचे हैं।
गौरतलब है कि विक्रम 17 जून को ड्यूटी पर काम कर रहा था। इस दौरान करंट लगने से मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी। विक्रम धानका सोडाला का रहने वाला है। वह बिजली विभाग में ठेका कर्मचारी के रूप में कार्यरत था। वैशाली नगर पुलिस मामले की जांच कर रही है।
परिजनों ने बताया कि विक्रम की तीन छोटी बच्चियां हैं। विक्रम परिवार में कमाने वाला एकमात्र सदस्य था। उसके जाने के बाद परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। परिजन सरकार से मुआवजे और नौकरी देने की मांग कर रहे हैं।
विक्रम के भाई मुकेश कटारिया ने बताया कि यह घटना मंगलवार दोपहर करीब डेढ़ बजे की है। सूचना मिलते ही हम अस्पताल पहुंचे। उस समय ठेकेदार के साथ विभाग के एईएन और जेईएन भी थे। उन्होंने भी कहा कि पोस्टमार्टम मत करवाओ। लेकिन हमने अपनी मांग रखी। इसके बाद विधायक गोपाल शर्मा ने हमें आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा है कि 7 दिन के अंदर 15 लाख और 5 लाख का चेक कलेक्टर की ओर से दिया जाएगा।
साथ ही बच्चियों को नौकरी का आश्वासन दिया है। विक्रम की तीन बेटियां हैं। उसके पिता 80 साल के हैं। वह भी बीमार रहते हैं। सारी जिम्मेदारी छोटे भाई पर है। उसके अलावा कोई कमाने वाला नहीं है। हम कहना चाहते हैं कि जो भी मदद कर रहा है, वह झूठा आश्वासन न दे। विक्रम विभाग में हेल्पर के पद पर है। उसे वैशाली नगर के अमर नगर से किसी शिकायत पर एईएन ने भेजा था। दोनों जूनियर हेल्पर को शिकायत पर भेजा गया था। उस समय उनके साथ कोई सीनियर नहीं था। दोनों लाइट बंद करके पोल पर चढ़े थे।
लेकिन उल्टी लाइट जल गई या दो फेस थे। बिजली विभाग की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ। उन्होंने दोनों हेल्पर भेज दिए। कोई लाइनमैन या सीनियर उनके साथ नहीं गया। अगर लाइनमैन होता तो यह हादसा नहीं होता। अभी तक हमने उनके परिवार को भी नहीं बताया कि उनकी मौत हो गई है। रात से ही हम घर पर बता रहे हैं कि वह आईसीयू में हैं। उनका इलाज चल रहा है।