जयपुर। कोविड स्वास्थ्य सहायकों (सीएचए) ने राजस्थान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए रविवार को नौकरी की मांग को लेकर जगतपुरा सीबीआई फाटक स्थित पानी की टंकी पर चढ़ गए। टंकी पर चढ़े स्वास्थ्य सहायकों ने कहा सरकार ने अगर जल्द से जल्द एपकी मांग को पूरा नहीं की तो वह आत्महत्या कर लेंगे।
गौरतलब है कि कोरोना काल के दौरान पूर्व कांग्रेस सरकार ने प्रदेशभर में अठाईस हजार सीएचए वर्कर्स की नियुक्ति की थी। जिन्हें कोरोना मरीजों के उपचार के साथ घर-घर जाकर दवाई पहुंचाने, सैंपल लेने की भी जिम्मेदारी दी गई थी। कोरोना खत्म होने के बाद सीएचए वर्कर्स का कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के साथ ही सरकार ने सभी को नौकरी से हटाने का आदेश जारी कर दिया। इस आदेश के बाद से प्रदेश में सभी सीएचए ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। इसके पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के वक्त बीजेपी नेताओं ने भी समर्थन किया था। बीजेपी सरकार के गठन के बाद सीएचए को नौकरी नहीं मिली। इसके बाद बीजेपी सरकार के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया हैं।
पानी की टंकी पर चढ़ी सीएचए संघर्ष समिति की प्रदेश अध्यक्ष पूजा बावरिया ने कहा कि वह अपनी जायज मांग को लेकर लम्बे समय से आंदोलन कर रहे हैं। कोई सुनवाई नहीं हो रही हैं। इसलिए उन्हे मजबूरन टंकी पर चढ़ना पड़ा हैं। अगर अब भी सरकार ने उनकी मांग को पूरा कर उन्हें फिर से रोजगार नहीं दिया तो वह अपनी जान दे देंगे। जिसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी। पूजा ने कहा कि कोरोना के समय न सिर्फ राजस्थान बल्कि देशभर में सीएचए को नियुक्ति दी गई थी। लेकिन सिर्फ राजस्थान में ही सीएचए को हटाया गया हैं। जबकि दूसरे राज्यों में सीएचए आज भी काम कर आम जनता कि जिंदगी को बचाने का काम कर रहे हैं।