July 7, 2025, 1:15 am
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साइबर ठग अब कॉल फॉरवर्डिंग का इस्तेमाल कर लोगों कर रहे है ठगी

जयपुर। राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने साइबर अपराधियों द्वारा अपनाई जा रही एक नई और खतरनाक साइबर ठगी की तकनीक के बारे में आम जनता को आगाह किया है। अपराधी अब “कॉल फॉरवर्डिंग” का इस्तेमाल कर लोगों को निशाना बना रहे हैं, जिससे उनके बैंक खाते और सोशल मीडिया तक पहुंच बना रहे हैं।

एसपी साइबर क्राइम शांतनु कुमार ने बताया कि साइबर अपराधी लगातार अपनी रणनीति बदल रहे हैं, और इस बार उन्होंने सोशल इंजीनियरिंग का सहारा लिया है। वे सोशल मीडिया से आपकी निजी जानकारी जैसे जन्मदिन या एनिवर्सरी (शादी की सालगिरह) निकालकर आपको फोन या व्हाट्सएप कॉल करते हैं। वे अक्सर किसी सामान या पार्सल डिलीवरी का बहाना बनाते हैं और आपसे ओटीपी पूछने की कोशिश करते हैं।

कैसे करते हैं अपराधी यह धोखाधड़ी?

धोखाधड़ी की इस कड़ी में साइबर ठग आपसे एक विशेष नंबर डायल करने के लिए कहते हैं। यह नंबर *21 से शुरू होता है और उसके बाद ठग द्वारा बताया गया नंबर होता है, और # के साथ समाप्त होता है। जैसे ही आप यह नंबर डायल करते हैं, आपके मोबाइल की कॉल फॉरवर्डिंग सक्रिय हो जाती है। इसका मतलब है कि आपके सभी आने वाले कॉल साइबर अपराधी के नंबर पर फॉरवर्ड हो जाएंगे।

इस चाल से अपराधियों को आपके कॉल और एसएमएस/ओटीपी तक पूरी पहुंच मिल जाती है। वे इसका उपयोग आपके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तक पहुंचने के लिए करते हैं और फिर आपके परिचितों से किसी भी बहाने से पैसे की मांग करते हैं।

ऐसे करें खुद का बचाव

राजस्थान पुलिस ने इस नई साइबर अपराध तकनीक से बचाव के लिए निम्नलिखित महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं:

टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन चालू करें

अपने जीमेल और व्हाट्सएप में तुरंत टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन चालू करें। यह आपकी सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत है।

अनजान नंबरों से सावधान रहें

अनजान नंबरों से आने वाली कॉल से बचें और यदि कोई कॉल संदिग्ध लगे तो उसे तुरंत व्हाट्सएप पर रिपोर्ट करें। अपने बैंक को भी इसकी सूचना दें।

ओटीपी और संदिग्ध लिंक से बचें

किसी भी परिस्थिति में अपना ओटीपी किसी के साथ साझा न करें और किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।

संदिग्ध कॉल की रिपोर्ट करें

यदि आपको कोई कॉल संदिग्ध लगे तो उसे चक्षु पोर्टल पर रिपोर्ट करें।

तत्काल कार्रवाई करें

यदि आप इस प्रकार की घटना के शिकार होते हैं तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930,साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर या अपने निकटतम पुलिस स्टेशन / साइबर पुलिस स्टेशन को सूचित करें।
अपनी ऑनलाइन सुरक्षा को गंभीरता से लें और इन दिशानिर्देशों का पालन करके खुद को और अपने प्रियजनों को साइबर धोखाधड़ी से बचाएं। जागरूक रहें, सुरक्षित रहें।

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