जयपुर । साइबर ठगों को फर्जी मोबाइल सिम उपलब्ध कराने वाले एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। जयपुर के मालपुरा गेट थाना क्षेत्र में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मोबाइल सिम सक्रिय करवाने की सूचना पर पुलिस थाना साइबर (क्राइम) राजस्थान की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 19 वर्षीय आरोपी घनश्याम मीणा को गिरफ्तार किया है। यह आरोपी फर्जी आधार कार्ड तैयार कर उन पर अपनी तस्वीर लगाकर अवैध रूप से मोबाइल सिम प्राप्त करता था और फिर उन्हें अन्य साइबर अपराधियों को बेचता था।
एसपी साइबर क्राइम शांतनु कुमार सिंह ने बताया कि साइबर थाना पुलिस को सूचना मिली कि मालपुरा गेट स्थित भारती हेक्साकॉम लिमिटेड (एयरटेल) के सांगानेर स्टोर पर एक संदिग्ध व्यक्ति ने डिजिटल केवाईसी प्रक्रिया के तहत एक मोबाइल सिम एक्टिव कराने के लिए आधार कार्ड प्रस्तुत किया। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस को पता चला कि संदिग्ध ने स्टोर पर अनुरोध किया कि इस नंबर को कंपनी के पोस्टपेड फैमिली प्लान के तहत मोबाइल नंबर 7300043398 और 7300043318 के साथ जोड़ा जाए।
कंपनी के प्रतिनिधि द्वारा उपरोक्त नंबरों की जानकारी करने पर पता चला कि ये नंबर किसी बबलू मीणा द्वारा आधार कार्ड नंबर 5120 8064 3684 प्रस्तुत कर उसी दिन उनके केसर चौराहा, सांगानेर स्टोर से सक्रिय कराए गए थे। संदेह होने पर कंपनी के प्रतिनिधि ने उस स्टोर से संपर्क कर वीडियो कॉल के माध्यम से संदिग्ध व्यक्ति की पहचान करवाई। इसमें यह बात सामने आई कि सिम कार्ड प्राप्त करने के लिए प्रस्तुत आधार कार्ड पर अंकित फोटो इसी संदिग्ध व्यक्ति की थी। जबकि उसका नाम, पता और आधार नंबर पहले से दिए गए आधार कार्ड से भिन्न था।
प्रथम दृष्टया यह प्रतीत हुआ कि संदिग्ध व्यक्ति ने दुर्भावनापूर्ण ढंग से अपने निजी स्वार्थ के लिए जाली पहचान और पते के प्रमाण के दस्तावेजों के आधार पर सिम कार्ड प्राप्त किए हैं। इस संबंध में पुलिस थाना साइबर क्राइम, राजस्थान जयपुर में बीएनएस आईटी एक्ट व टेलीकम्युनिकेशन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस जांच के बाद आरोपित घनश्याम मीणा निवासी निवाई जिला टोंक के कब्जे से कुल 7 मोबाइल सिम कार्ड, 2 खाली मोबाइल सिम कवर, 2 आधार कार्ड और एक वीवो कंपनी का मोबाइल फोन बरामद कर जब्त किए गए।
बरामद किए गए आधार कार्डों पर आरोपी घनश्याम मीणा की स्वयं की फोटो लगी थी, लेकिन नाम और पते अलग-अलग दर्ज थे। गहन जांच में सामने आया कि आरोपी अपने मोबाइल फोन में अन्य व्यक्तियों के आधार कार्ड ऑनलाइन डाउनलोड करता था। फिर वह प्ले स्टोर से एप्लिकेशन डाउनलोड कर उन आधार कार्डों में कांट-छांट करता था, अपनी फोटो लगाकर फर्जी तरीके से गलत नाम-पतों का नया आधार कार्ड तैयार करता था।
इसके बाद वह ई-मित्र से रंगीन प्रिंट आउट निकलवा कर वोडाफोन और एयरटेल स्टोर पर जाकर सिम कार्ड निकलवाता था। पूछताछ में यह भी सामने आया है कि वह इन फर्जी आधार कार्डों से प्राप्त सिम कार्डों को पैसे लेकर अन्य व्यक्तियों को बेचता था।
आरोपी घनश्याम मीणा को उपरोक्त धाराओं में गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस को उसके अन्य सहयोगियों और उन स्टोरों के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिए पुलिस रिमांड मिली है जहां से उसने सिम कार्ड खरीदे थे।