शहर के 225 से अधिक दिगम्बर जैन मंदिरों में मनाया जा रहा है दशलक्षण महावर्प

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जयपुर। दिगम्बर जैन धर्मावलंबियों ने दशलक्षण महापर्व में सातवे दिन बुधवार को वीतराग धर्म का उत्तम तप लक्षण भक्ति भाव से मनाया। इस मौके पर शहर के दिगम्बर जैन मंदिर परिसर जयकारों से गुंजायमान हो उठे। इससे पूर्व दिगम्बर जैन मंदिरों में प्रातः श्री जी के अभिषेक, शांतिधारा के बाद दशलक्षण धर्म में उत्तम तप लक्षण की विधान मंडल पर अष्ट द्रव्य से पूजा अर्चना की गई ।

राजस्थान जैन युवा महासभा के प्रदेश महामंत्री विनोद जैन ‘कोटखावदा’ ने बताया कि उत्तम तप लक्षण पर प्रवचन देते हुए संतों एवं विद्वानों ने कहा कि समस्त रागादि परभावों की इच्छा के त्याग द्वारा स्वरुप में प्रतपन करना-विजयन करना तप है। आत्मलीनता द्वारा विकारों पर विजय प्राप्त करना तप है। तप शरीर के सुखाने का नाम नहीं है, इच्छाओं के विरोध का नाम है।

राजस्थान जैन युवा महासभा के महामंत्री विनोद जैन ‘कोटखावदा’ ने बताया कि गुरुवार, 4 सितम्बर को वीतराग धर्म का उत्तम त्याग लक्षण मनाया जाएगा। गुरुवार से तीन दिवसीय कर्म निर्झरा तेला तथा शुक्रवार से रत्नत्रय तेला एवं व्रत शुरु होगे। बडी संख्या में श्रद्धालु व्रत, उपवास रखेगे।

खोह नागोरियान स्थित श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र में कमल -मंजू वैद के नेतृत्व में प्रातः भगवान के अभिषेक एवं विश्व में सुख समृद्धि और शांति की मंगल कामना करते हुए मंत्रोच्चार से शांतिधारा की गई। जिसके तत्पश्चात अष्ट द्रव्य से धर्म के उत्तम तप धर्म की पूजा की गई।

इन मंदिरों में हुआ विशेष आयोजन

तारो की कूट,सूर्य नगर के श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर, श्योपुर के श्री चन्द्र प्रभू दिगम्बर जैन मंदिर, मालवीय नगर के श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में भी शांतिधार के साथ पूजा-अर्चना की गई। इसी के साथ टोंक रोड़ पर मुंशी महल गार्डन में प्रवासरत श्रुत संवेगी महाश्रमण आदित्य सागर मुनिराज ससंघ के सानिध्य में दस दिवसीय आध्यात्मिक श्रावक साधना संस्कार शिविर में प्रातः 4 बजे से शिविरार्थियों को योग साधना एवं आत्म साधना की क्रियाएं करवाई गई। चित्रकूट कालोनी सांगानेर के कवर का बाग में आचार्य सुन्दर सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में दशलक्षण महापर्व की पूजा की गई।

शहर के 225 से अधिक दिगम्बर जैन मन्दिरों में दशलक्षण महापर्व मनाया गया।दशलक्षण महापर्व शनिवार, 6 सितम्बर तक चलेगा। 6 सितम्बर तक दस दिवसीय दशलक्षण व्रत किए जाएगे। शनिवार को ही अनन्त चतुर्दशी एवं दशलक्षण समापन कलश होगें । 8 सितम्बर को षोडशकारण समापन कलश एवं पड़वा ढोक क्षमा वाणी पर्व मनाया जाएगा। इस दौरान दिगम्बर जैन मंदिरों में पूजा अर्चना के विशेष आयोजन होगें।

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