घर को स्वर्ग बनाने में बेटियों की मुख्य भूमिका

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जयपुर। बचपन की दहलीज लांधकर किशोरावस्था में प्रवेश करने वाली किशोरवय और युवतियों को उचित मार्गदर्शन करने के लिए गोपालपुरा बाईपास स्थित बसंत बाहर कॉलोनी में कन्या कौशल शिविर आयोजित किया गया। शिविर में 10 वर्ष से 25 वर्ष तक की कन्याओं और युवतियों ने भाग लिया। बसंत बहार महिला मंडल की ओर से आयोजित कन्या कौशल शिविर में लाइफ मैनेजमेंट कोच डॉ. अजय भारद्वाज ने कहा कि बेटियां भारतीय संस्कृति की गौरव गरिमा को न भूलें। घर को स्वर्ग बनाने में बेटियों और नारियों की मुख्य भूमिका है।

बेटियों का लक्ष्य स्पष्ट, विचार उच्च और पहनावा सभ्य शालीन होना चाहिए। मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. दीक्षा जामवाल ने किशोरियों को फैशन और फिजूलखर्ची से बचने और विवेकवान बनने पर जोर दिया। सामाजिक कार्यकर्ता वर्षा गुप्ता ने इंटरनेट के दुष्प्रभावों के प्रति सचेत करते हुए इंटरनेट का सीमित उपयोग पर जोर दिया। नीलम वर्मा ने कहा कि परिवार से दूरियां नहीं बढऩी चाहिए और बढ़ रही हैं, तो उन्हें समाप्त करनी चाहिए। परिवार के बाहर किसी अनजान युवक के बहकावे में आकर ऐसा कोई काम नहीं करे जिससे बाद में पछताना पड़े। उन्होांने किशोरियों और युवतियों को व्यक्तित्व विकास, जीवन जीने की कला के सूत्र बताए।

कार्यक्रम संयोजक गायत्री कचोलिया ने बताया कि वर्तमान समय में जिस तेजी से भौतिकता की चकाचौंध में फंस कर हमारी युवा पीढ़ी मार्ग से भ्रमित होती जा रही है। उसे देखते हुए किशोरावस्था में उनका उचित मार्गदर्शन करना आज की महती आवश्यकता हैं। इसके लिए बसंत बहार महिला मंडल की ओर से यह एक छोटी सी पहल की गई है।

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