June 28, 2025, 9:06 pm
spot_imgspot_img

दिल्ली एनसीआर के स्‍टूडेंट्स ने सैमसंग सॉल्‍व फॉर टुमॉरो के साथ भविष्‍य की नए सिरे से कल्‍पना की

गुरुग्राम। कक्षाएँ उत्साह एवं जिज्ञासा से भरी थीं, गलियारों में नए-नए आइडियाज़ के बारे में बातें हो रही थीं, और युवा स्‍टूडेंट आत्मविश्वास के साथ बेहतर भविष्य के लिए बड़े-बड़े आइडियाज साझा कर रहे थे। हाल ही में सैमसंग सॉल्व फॉर टुमॉरो के रोडशोज़ और ओपन हाउस ने देश के कई शहरों में स्‍टूडेंट्स के में इनोवेशन की प्रेरणा जगाई है, और दिल्ली एनसीआर भी इसमें पीछे नहीं रहा।

सैमसंग सॉल्व फॉर टुमॉरो की शुरुआत 29 अप्रैल, 2025 को हुई थी और यह सिर्फ एक नेशनल इनोवेशन चैलेंज नहीं है। यह भारत के युवाओं के लिए एक आह्वान है। यह वास्तविक समस्याओं को पहचानने और तकनीक-आधारित समाधान विकसित करने का निमंत्रण है, जो जीवन को प्रभावित कर सकें। यह कार्यक्रम छात्रों को डिज़ाइन थिंकिंग टूल्स, सैमसंग लीडर्स और आईआईटी दिल्ली के फैकल्टी से मेंटरशिप, निवेशकों से संपर्क और प्रोटोटाइपिंग सपोर्ट प्रदान करता है। इसके अलावा, शीर्ष चार विजेता टीमों के लिए 1 करोड़ रुपये का पुरस्कार भी देता है।

सैमसंग की टीम ने विकासपुरी के ममता मॉडर्न स्कूल, मोहन गार्डन के कमल मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, गुड़गांव के डीएवी सेक्टर 14, इंदिरापुरम के सेंट टेरेसा स्कूल और डब्ल्यूसीटीएम गुड़गांव का दौरा किया। इन ओपन हाउस में, छात्रों ने प्रोग्राम फैसिलिटेटर्स के साथ बातचीत की, सवाल पूछे, पिछले सीज़न के केस स्टडीज़ का अध्ययन किया और अपना खुद का समस्या विवरण तैयार करना शुरू किया।

नई दिल्ली में रोडशो के दौरान उत्साह चरम पर था। स्कूलों के छात्र वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल के लिए एआई-आधारित समाधानों से लेकर ऊर्जा के स्‍थायी समाधानों और किशोरों के लिए मेंटल हेल्‍थ ऐप्स तक के विचारों के साथ एकत्र हुए।

इनमें से एक थीं कक्षा 11 की छात्रा आरना कौशल, जो अपने शहर में भरे हुए लैंडफिल्स देखकर काफी निराश थीं। इस कार्यक्रम से प्रेरित होकर, वह अब वेस्‍ट कलेक्‍शन के लिए एक स्मार्ट सेग्रेगेशन सिस्टम पर काम कर रही हैं। आरना ने कहा, “सैमसंग सॉल्व फॉर टुमॉरो ने मुझे ऐसा महसूस कराया कि आखिरकार हम जैसे छात्रों की बात सुनी जा रही है। मैं अब सिर्फ सपने नहीं देख रही, मैं योजना बना रही हूँ, शोध कर रही हूँ और डिज़ाइन कर रही हूँ।”

भूमिका रावल के लिए, उनके आसपास डिस्लेक्सिया से जूझ रहे बच्चों को देखने का अनुभव एक विचार को जन्म दे गया। भूमिका ने कहा “मैं एक वॉयस-बेस्‍ड लर्निंग ऐप बनाना चाहती हूँ जो बच्चों को उनकी गति से सीखने में मदद करे। रोडशो ने मेरे उस सपने को एक प्रोजेक्ट में बदलने में मदद की।”

इन सत्रों की एनर्जी सिर्फ पिचेज़ और प्रोटोटाइप्स तक सीमित नहीं थी। स्‍टूडेंट्स ने समावेशन, सुलभता, जलवायु को लेकर अपनी जिम्मेदारी और ग्रामीण कनेक्टिविटी के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने सीखा कि विचारों को शक्तिशाली बनाने के लिए परफेक्‍ट होने की जरूरत नहीं – बस उनमें उद्देश्य होना चाहिए।

सैमसंग सॉल्व फॉर टुमॉरो रोडशोज़ का पूरे भारत में आयोजन किया जा रहा है, वे न केवल इस कार्यक्रम के बारे में जागरूकता फैला रहे हैं बल्कि समस्याओं का समाधान करने वाली और बदलाव लाने वाली एक पीढ़ी को जगा रहे हैं।

भारत में अनेक युवा इनोवेटर्स हैं। सैमसंग उन्हें टूल्‍स, प्‍लेटफॉर्म और आत्मविश्वास प्रदान कर रहा है ताकि वे कुछ सार्थक बना सकें।

ऐसे ओपन हाउस के साथ, सैमसंग सिर्फ अगले बड़े आइडिया की खोज नहीं कर रहा। यह अगली पीढ़ी के उन चेंजमेकर्स में निवेश कर रहा है जिनका मानना है कि कल के लिए समाधान की शुरुआत आज से शुरू होती है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

25,000FansLike
15,000FollowersFollow
100,000SubscribersSubscribe

Amazon shopping

- Advertisement -

Latest Articles