June 30, 2025, 12:40 pm
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डिलीवरी स्कैम अलर्ट: ##21# डायल करने से खाली हो सकता है आपका बैंक खाता

जयपुर। राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने आमजन को साइबर धोखाधड़ी के एक नए और खतरनाक तरीके के प्रति आगाह किया है। “कूरियर सर्विस/प्रोडक्ट डिलीवरी” के नाम पर होने वाले इस फ्रॉड में अपराधी अब ‘कॉल फॉरवर्डिंग’ का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे लोगों की गाढ़ी कमाई पलक झपकते ही उड़ाई जा रही है। साइबर अपराधी लगातार अपनी तकनीकों को बदल रहे हैं और अब वे नामी गिरामी कूरियर कंपनियों का भेष धारण कर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं।

एसपी साइबर क्राइम पुलिस मुख्यालय शांतनु कुमार ने बताया कि साइबर ठग फोन या व्हाट्सएप कॉल के ज़रिए लोगों से संपर्क करते हैं। वे उन्हें बताते हैं कि उनकी कोई डिलीवरी आने वाली है और डिलीवरी देने के बहाने या तो एक ओटीपी पूछने की कोशिश करते हैं, या फिर उन्हें एक खास नंबर डायल करने को कहते हैं। यह नंबर अक्सर ##21#, **, *, या # से शुरू होता है। जैसे ही पीड़ित ##21# डायल करता है, उसके मोबाइल की ‘कॉल फॉरवर्डिंग’ सक्रिय हो जाती है। इसका मतलब है कि पीड़ित के फोन पर आने वाली सभी कॉल, जिसमें OTP भी शामिल हो सकता है, सीधे साइबर अपराधी के नंबर पर फॉरवर्ड हो जाती हैं।

साइबर अपराधियों को जैसे ही आपकी कॉल और ओटीपी का एक्सेस मिलता है वे तुरंत आपके बैंक खाते से पैसे उड़ा लेते हैं या यूपीआई लिंक भेजकर आपको ठगी का शिकार बनाते हैं। पुलिस का कहना है कि वे ऐसे लोगों को विशेष रूप से निशाना बनाते हैं जिनके पास वाकई कोई ऑनलाइन डिलीवरी आने वाली होती है, जिससे उनका झांसा और भी विश्वसनीय लगता है।

बचाव के लिए क्या करें

राजस्थान पुलिस ने इस नई साइबर अपराध तकनीक से बचाव के लिए आम लोगों को कुछ महत्वपूर्ण सलाह दी है:

कोई नंबर डायल न करें

यदि डिलीवरी के नाम पर आने वाली किसी भी कॉल के दौरान आपको कोई नंबर डायल करने को कहा जाए, तो उसे बिल्कुल न दबाएं।

सत्यापन के बिना ओटीपी साझा न करें

जब डिलीवरी मैन आपके घर पहुंचे तो सबसे पहले यह जांचें कि वह किस कंपनी से आया है और आपका कूरियर किस कंपनी से आने वाला था। पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद ही ओटीपी साझा करें और हो सके तो पैकेज को उसी के सामने खोलकर जांच करें।

यदि आप बन जाए शिकार तो क्या करें

यदि आप इस प्रकार की धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं, तो बिना देर किए इसकी सूचना साइबर हेल्पलाइन नंबर: 1930, साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल अपने निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर पुलिस स्टेशन को सूचित करें।

एसपी को कुमार ने बताया कि यह ज़रूरी है कि हम सब सतर्क रहें और इस जानकारी को अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा करें ताकि कोई भी इस नई चाल का शिकार न हो।

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