जयपुर। वैशाली नगर में रविवार को भारतीय गौ क्रांति मंच के प्रदेश कार्यालय में गौ ध्वज पूजन एवं परिक्रमा कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन गौ ध्वज स्थापना की प्रथम वर्षगांठ की पूर्व तैयारियों के तहत किया गया। जिसकी स्थापना 18 अक्टूबर 2024 को ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने की थी।
कार्यक्रम का शुभारंभ रविवार शंकराचार्य के प्रतिनिधि एवं राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी योगीराज शैलेंद्र महाराज की उपस्थिति में हुआ। उन्होंने विधिवत रूप से गौ ध्वज का पूजन एवं परिक्रमा कर आध्यात्मिक वातावरण में जनजागरण अभियान का शुभारंभ किया। इस मौके पर आगामी मुख्य समारोह की तैयारियों एवं जनसंपर्क कार्य की औपचारिक शुरुआत भी की गई।
कार्यक्रम में भारतीय गौ क्रांति मंच के प्रदेश अध्यक्ष ताराचंद कोठारी, शहर अध्यक्ष, संत प्रकाश दास महाराज, गौ सांसद देवकीनंदन पुरोहित, अन्य गौ संसद प्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में गौ भक्त एवं सेवक उपस्थित रहे। सभी ने गौमाता के संरक्षण, संवर्धन और उनके राष्ट्र माता के सम्मान की दिशा में कार्य करने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर योगीराज शैलेन्द्र महाराज ने कहा कि देश की जननी, हमारी संस्कृति की आधारशिला गौमाता को अब राष्ट्रमाता घोषित किया जाना चाहिए। महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने गौ माता को ‘राज्य माता’ का दर्जा देकर आदर्श प्रस्तुत किया है। सभी राज्य सरकारें इस दिशा में पहल करें और केंद्र सरकार से अनुरोध करें कि गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित किया जाए।
उल्लेखनीय है कि बीते वर्ष शंकराचार्य द्वारा पूरे भारतवर्ष में गौ ध्वज प्रतिष्ठा यात्रा के माध्यम से सभी प्रदेशों में गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग को लेकर अभियान चलाया गया था। इस यात्रा के दौरान हर राज्य की राजधानी में गौ ध्वज स्थापित किए गए। उसी का परिणाम रहा कि महाराष्ट्र में गौ माता को राज्य माता घोषित कर विशेष कानून बनाया गया, जिससे प्रदेश को अद्भुत आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त हुई। कार्यक्रम के समापन पर सभी गौ सेवकों ने आगामी वर्षगांठ समारोह को ऐतिहासिक स्वरूप देने हेतु तन-मन-धन से सहयोग करने का संकल्प लिया।