July 16, 2025, 6:02 pm
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गोविंद देवजी मंदिर में पंच कुंडीय शिव गायत्री महायज्ञ में आहुतियां अर्पित करने उमड़े श्रद्धालु

जयपुर। सावन के पहले सोमवार की पूर्व संध्या पर रविवार को आराध्य देव श्री राधा गोविंद देवजी मंदिर प्रांगण में पंच कुंडीय शिव गायत्री महायज्ञ श्रद्धा, भक्ति और उत्साह के साथ संपन्न हुआ।

महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने दीप प्रज्वलित कर महायज्ञ का शुभारंभ किया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पांच पारियों में विश्व कल्याण की कामना के साथ यज्ञ भगवान को आहुतियां अर्पित कीं। भगवान भोलेनाथ को विशेष आहुतियां अर्पित की गई। यज्ञ के प्रति लोगों का उत्साह का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि यज्ञ का समापन सुबह 10 बजे होना था लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए यज्ञ की पूर्णाहुति 11 बजे हुई।

संस्कृति संवर्धन की दिशा में एक वैदिक आरंभ

कार्यक्रम का शुभारंभ श्री राधा गोविंद देवजी, देवमाता गायत्री और गुरु सत्ता के वैदिक पूजन से हुआ। प्रारंभिक अनुष्ठान *वैदिक मर्यादाओं के अनुसार संपन्न हुआ, जिसमें आचार्य अनुपम जोली एवं आचार्या हिमानी शास्त्री ने विधिवत देव पूजन कराया। वैदिक देवस्थापति एवं मंदिर एवं प्रतिमा निर्माण की विशेषज्ञ आचार्य हिमानी शास्त्री ने कहा युवाओं को भारतीय संस्कृति से जोड़ने के लिए आज के युग में इस प्रकार के आयोजनों की अत्यधिक आवश्यकता है।

यह न केवल हमारी सनातन परंपरा को जीवित रखते हैं, बल्कि भावी पीढ़ी को भी संस्कारित करने का माध्यम बनते हैं। यज्ञ संचालन गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी की टोली – मीनाक्षी बघेल, गायत्री प्रसाद एवं मुकेश कुमार ने मंत्रोच्चारण और विधिविधानपूर्वक सम्पन्न कराया। इस अवसर पर विद्यारंभ संस्कार आयोजित किया गया, जिसमें छोटे बच्चों ने वैदिक विधि से शिक्षा की शुरुआत की।

पर्यावरण संरक्षण गतिविधि क प्रांत संयोजक अशोक कुमार शर्मा के नेतृत्व में श्रद्धालुओं को विभिन्न किस्म के पौधे तरु प्रसाद के रूप में निशुल्क वितरित किए गए। यज्ञ की पूर्णाहुति के अवसर पर श्रद्धालुओं ने अधिकाधिक पौधे लगाने का संकल्प लिया। गायत्री चेतना केंद्र, जनता कॉलोनी द्वारा साहित्य प्रदर्शनी लगाई गई जिसमें अध्यात्म, जीवन साधना और संस्कार आधारित पुस्तके उपलब्ध कराई गई।

व्यासपीठ से बलिवैश्व यज्ञ पर बल देते हुए प्रतिदिन अग्नि को भोग लगाने की परंपरा को पुनः अपनाने का संदेश दिया गया। श्रद्धालुओं ने तांबे के बलिवैश्व पात्र प्राप्त कर भोग लगाने का संकल्प लिया। गायत्री परिवार द्वारा चलाए जा रहे ‘साथ आंदोलन’ और ‘एक अभियान’ की जानकारी प्रज्ञा अभियान पाक्षिक पत्रिका के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाई गई। लोगों को प्रज्ञा अभियान पाक्षिक की प्रति निशुल्क वितरित की गई। इस प्रेरणादायी आयोजन में कैलाश अग्रवाल, रमेश अग्रवाल सहित अनेक वरिष्ठ परिजन उपस्थित रहे।

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