जयपुर। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान मानद विश्वविद्यालय जयपुर में धन्वंतरि जयंती के पावन अवसर पर श्रद्धा और भक्ति के साथ विधिवत धन्वंतरि पूजन का आयोजन किया गया। भगवान धन्वंतरि जयंती पर पूरे संस्थान में उत्साह और आध्यात्मिक वातावरण देखने को मिला। कुलपति प्रोफेसर संजीव शर्मा ने भगवान धन्वंतरि की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर पूजा-अर्चना की और समस्त शिक्षकों, चिकित्सकों, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों को आयुर्वेद के सिद्धांतों को आम जन के बेहतर स्वास्थ्य और निरोगी जीवन के लिए अपनाने का संदेश दिया।
इस अवसर पर जोरावर सिंह गेट स्थित राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान को आकर्षक लाइटिंग से सजाया गया। वैदिक मंत्रोच्चार और शंख ध्वनि के बीच वातावरण में पवित्रता और श्रद्धा का संचार हुआ। पूजन कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने आयुर्वेदिक श्लोकों और पारंपरिक वंदनाओं के माध्यम से भगवान धन्वंतरि की स्तुति की।
कुलपति प्रोफेसर संजीव शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि भगवान धन्वंतरि ने मानवता को निरोग रहने और स्वस्थ जीवन जीने का संदेश दिया था। उन्होंने कहा कि “आयुर्वेद केवल चिकित्सा का विज्ञान नहीं, बल्कि जीवन जीने की समग्र पद्धति है।” यह शरीर, मन और आत्मा के संतुलन पर आधारित विज्ञान है जो “स्वस्थस्य स्वास्थ्य रक्षणं” के सिद्धांत को आगे बढ़ाता है।
उन्होंने बताया कि संस्थान का उद्देश्य न केवल रोगों का उपचार करना है बल्कि लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और आत्मनिर्भरता की भावना विकसित करना भी है।इस अवसर पर संस्थान के सभी विभागाध्यक्ष, अधिकारीगण, चिकित्सक, शिक्षक, कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।