जयपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) आनंद कुमार ने थानागाजी मारपीट मामले में प्रसारित हो रही खबर के भ्रामक तथ्यों के दुष्प्रचार का खंडन करते हुए बताया कि विगत तीन चार दिनों से एक मकान में घुसकर एक पक्ष द्वारा दूसरे पक्ष के साथ मारपीट करने की घटना का वीडियो सोशल मीडिया में यह कहकर प्रसारित किया जा रहा है अलवर में मुसलमानों ने हिन्दुओं को उनके घर में घुसकर मारा है। जाँच से इस प्रकार के तथ्य निराधार पाये गये है। प्रकरण की वस्तुस्थिति इस प्रकार है-
उक्त वीडियो पुलिस थाना थानागाजी क्षेत्र के ग्राम चीमा की ढाणी के रोहिता शर्मा व सीताराम शर्मा के बीच मकान के विवाद को लेकर 18 जनवरी 2024 को हुई मारपीट से संबंधित है। घटना में दोनों ही पक्ष हिन्दू-मुस्लिम नहीं होकर हिन्दू है तथा आपस में निकट रिश्तेदार है। ग्राम चीमा की ढाणी में कोई मुसलमान परिवार नहीं रहता है। घटना की इत्तला मिलते ही थानागाजी पुलिस मौके पर पहुंची तथा पहुंच कर 7 व्यक्तियों को शांतिभंग के आरोप में धारा 151 जा.फौ. में गिरफ्तार किया गया। दोनों पक्षों द्वारा 18 जनवरी 2024 को एक दूसरे के विरुद्ध पुलिस थाना थानागाजी पर मु.नं. 22/24 (परिवादिया निरमा देवी पुत्री रोहिता शर्मा) एवं मु.नं. 23/24 (परिवादी तुलसीराम शर्मा पुत्र सीताराम शर्मा) द्वारा दर्ज करवाये गये।
पुलिस द्वारा कार्यवाही करते हुए मु.नं. 22/2024 में 3 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भिजवाया गया। दोनों प्रकरणों में अनुसंधान जारी है। दोनों ही पक्षों में किसी भी व्यक्ति के गंभीर चोट नहीं आई है।
उक्त वीडियो के संज्ञान में आने पर अलवर पुलिस द्वारा अपने सोशल मीडिया हैंण्डल यथा फेसबुक, ट्विटर आदि के जरिये इस घटना का खण्डन किया गया है। पुलिस अधीक्षक, अलवर द्वारा प्रेस कान्फ्रेन्स आयोजित कर मीडिया को ब्रीफ किया जा चुका है कि, यह हिन्दू-मुसलमान का झगड़ा न होकर बागड़ा ब्राह्मण परिवार के आपसी रंजिश का झगड़ा है।
जिस भी सोशल मीडिया चैनल/ग्रुप पर इस प्रकार का कोई मैसेज दिखाया गया है उसका भी खण्डन किया जा चुका है। अलवर पुलिस की सोशल मीडिया सैल द्वारा इस प्रकार के भ्रम फैलाने वाले वीडियो को भेजने वाले फेसबुक अकाउन्ट की पहचान करने का प्रयास कर रही है जिससे सम्बन्धित के विरुद्ध भी नियमानुसार कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जा सके।
भ्रामक वीडियो पर टिप्पणी व सर्कुलेशन से बचें
एसीएस आनंद कुमार ने आमजन से अपील की है कि इस प्रकार के भ्रामक वीडियो को शेयर करने या टिप्पणी करने में सावधानी बरते। आपसी सौहार्द बनाए रखें।