जयपुर। चैत्र मास की शनि अमावस्या पर जमकर दान-पुण्य किया गया। गोविंद देवजी मंदिर में ठाकुरजी का पंचामृत अभिषेक कर काली पोशाक धारण कराई गई। श्रद्धालुओं ने गलताजी जाकर स्नान कर पूजा-पाठ और दान-पुण्य किया। साथ ही घर पर पितरों के लिए श्राद्ध कर्म किया गया। पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान कर हवन किया गया। गौशालाओं में गायों को हरा चारा और गुड़ खिलाया गया।
शनि अमावस्या पर शनि मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। एमआई रोड स्थित शनि धाम मंदिर में महंत मगन गौड़ के सान्निध्य में सूर्य पुत्र शनिदेव का तेल से अभिषेक किया गया। खीर का भोग लगाया गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने तेल से अभिषेक किया। खेजड़ों का रास्ता, मोहल्ला डाकोतान, सिंधी कैंप के सामने, अंबावाड़ी, खातीपुरा, जगतपुरा, मालवीयनगर सहित अन्य शनि मंदिरों में भी शनि अमावस्या को श्रद्धालु तेल से अभिषेक करने उमड़े।
साढ़ेसाती, ढैय्या, शनि दोष से मुक्ति, आर्थिक बाधाओं, शत्रु बाधाओं के नाश, भाग्य में सुधार, पितृ दोष निवारण और पूर्वजों की कृपा प्राप्ति के लिए सभी प्रमुख शनि मंदिरों में विशेष अनुष्ठान किए गए। शनिवार को शनि का गोचर हुआ। यह मेष, सिंह, धनु, मीन और कुंभ राशि वालों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगा।शनिवार को सूर्य ग्रहण भी था। लेकिन ये ग्रहण भारत में नहीं दिखा। इस वजह से यहां सूतक नहीं लगा।