डोटासरा का बयान निंदनीय और संसदीय मर्यादाओं की घोर अवहेलना : मदन राठौड़

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Congress party is completely marginalized, has lost its mass base and political dominance among the common people: Madan Rathore
Congress party is completely marginalized, has lost its mass base and political dominance among the common people: Madan Rathore

जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा विधानसभा में कैमरे को लेकर दिए गए विवादित बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे निंदनीय और संसदीय मर्यादाओं की घोर अवहेलना बताया है। राठौड़ ने स्पष्ट किया कि विधानसभा कोई निजी स्थान नहीं बल्कि लोकतंत्र का मंदिर है। यहाँ होने वाली प्रत्येक गतिविधि जनता के हित में होती है और पूरी पारदर्शिता के साथ उसका प्रसारण किया जाता है।

निजता की दुहाई देना संसदीय परंपराओं की अज्ञानता का परिचायक है। राठौड़ ने कहा कि जो लोग काम करते नहीं, सेवा करते नहीं, अनर्गल बयानबाजी करते है और स्पीकर पर इस तरह के आरोप लगाते है यह अत्यंत निदंनीय है। राठौड़ ने डोटासरा के बयान पर कहा कि जो जैसा होता है, वो वैसा सोचता है, जिसका व्यक्तिगत जीवन जैसा होता है, वो दूसरो के बारे में भी वैसा ही सोचता है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के चरित्र पर अंगुली उठाना , ये कांग्रेस की ओछी मानसिकता को दर्शाता है। स्पीकर सरंक्षक होता है, एक सम्मानजनक पद है, उस आसन पर बैठने वाला एक गार्जियन होता है। उस पर आरोप लगाना, बेहद ही शर्मनाक है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के सवालों का जवाब विधानसभा अध्यक्ष दे चुके, लेकिन विधानसभा में पूरी तरह फेल हो जाना, जनता के मुद्दे नहीं उठा पाना और केवल हंगामा करना ही इनका मकसद रह गया है। डोटासरा भूल गए कि विधानसभा में इनके वरिष्ठ नेता राजस्थान को मर्दों का प्रदेश बताते है, इनकी सरकार के समय राजस्थान महिला अपराध में नंबर वन पर पहुंच गया था, अब ये अनर्गल बयानबाजी करके सिर्फ सुर्खियां बटौर रहे है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कांग्रेस के द्वारा बार-बार वोट चोरी और ईवीएम हैकिंग जैसे झूठे और भ्रामक आरोपों को खारिज करते हुए कांग्रेस के इतिहास की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि “वोट चोरी की शुरुआत खुद पंडित नेहरू के समय में हुई थी, जब 1952 में मौलाना आज़ाद के हारने के बावजूद मतपेटी से छेड़छाड़ कर जिताया गया। यह कांग्रेस की खानदानी परंपरा रही है, फिर चाहे वह इंदिरा गांधी द्वारा सरकारी तंत्र के दुरुपयोग का मामला हो या आज राहुल गांधी द्वारा बार-बार चुनाव आयोग पर प्रश्नचिह्न लगाना। उन्होंने कहा कि कितने आश्चर्य की बात है कि सोनिया जी 1980 में मतदाता बना दी गई थी, जबकि सोनिया जी ने भारत की नागरिकता ही 1983 में ली थी।

राठौड़ ने कहा कि 1984 के बाद से कांग्रेस का जनाधार लगातार गिरा है। 2014 में यह ऐतिहासिक रूप से निम्न स्तर पर पहुंच गई। अब जब कांग्रेस चुनाव हारती है, तो वे चुनाव आयोग, ईवीएम, वोटिंग प्रक्रिया – हर एक पर सवाल खड़ा करते हैं। लेकिन जब चुनाव जीतते हैं, तब सब कुछ सही लगता है। यह दोहरा चरित्र अब जनता भली-भांति समझ चुकी है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी का बार-बार ईवीएम और वोट चोरी पर बयान देना उनकी निराशा और जनता में खोते जनाधार का संकेत है। बिना आधार के ऐसे आरोप न केवल लोकतांत्रिक संस्थाओं का अपमान हैं बल्कि देश की जनता का भी अपमान हैं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि कांग्रेसी नेता कभी मोदी सरनेम को लेकर बयानबाजी करते है, और उन्हें जेल भी जाना पड़ता है फिर भी अनर्गल बयानबाजी से बाज नहीं आते है। यही नहीं, कभी वरिष्ठ नेताओं की माताजी के लिए अशोभनीय टिप्पणी कर देते है, कभी मिमिक्री करते है, ये इस तरह अपनी हताशा दर्शाते है। यह सब उनका जनाधार खो जाने पर विक्षिप्त मानसिकता का संकेत है।

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