जयपुर। आश्विन शुक्ल पंचमी को बंगाली समाज का दुर्गा पूजा महोत्सव का श्रीगणेश हुआ। आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर राजधानी में निवास कर रहे पश्चिम बंगाल के लोगों ने मां दुर्गा की आराधना की। आनंद मेले से दुर्गा पूजा महोत्सव का शुभारंभ हुआ। आनंद मेले में पश्चिम बंगाल के पारंपरिक व्यंजनों का माता रानी को भोग लगाकर सभी ने आपस में एक-दूसरे को खिलाया। बनीपार्क स्थित दुर्गाबाड़ी में दुर्गा पूजा महोत्सव के पहले दिन ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े।
जयपुर दुर्गाबाड़ी एसोसिएशन के वरिष्ठ अध्यक्ष, अध्यक्ष एवं अन्य पदाधिकारियों ने मंत्रोच्चार के साथ 15 फीट ऊंची महिषासुर मर्दिनी देवी की संगमरमर की प्रतिमा, भगवान गणेश, देवी लक्ष्मी, देवी सरस्वती, भगवान कार्तिकेय का पूजन कर आरती उतारी। संगमरमर प्रतिमा के साथ ही मिट्टी की प्रतिमा की पूजा की। इन्हीं प्रतिमाओं के समक्ष सिंदूर उत्सव तथा विसर्जन के प्रमुख अनुष्ठान सम्पन्न होंगे। कोलकाता के कुशल कारीगरों द्वारा तैयार किए गए भव्य पांडाल की सभी ने मुक्त कंठ से सराहना की। पचास फीट ऊंचे प्रवेश द्वार से होते हुए श्रद्धालुओं ने पांडाल में प्रवेश किया।
तीन सौ फीट लंबा मार्ग को कोलकाता की जमीदार बाड़ी की शैली में पिंकसिटी थीम पर सजाया गया है। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने खीर, खिचड़ी, मिश्रित सब्जी की प्रसादी ग्रहण की।
काली पूजा समिति की ओर से मुरलीपुरा के महादेव नगर में दुर्गा पूजा महोत्सव का शनिवार को विधिवत शुभारंभ हुआ। मां दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती, गणेश जी और कार्तिकेय की विशाल प्रतिमाओं का बंगाली समाज ने भक्ति भाव से पूजन किया। पदाधिकारियों ने सामूहिक रूप से महा पंचमी पूजन किया।
इस मौके पर आनंद मेला आयोजित किया गया। बंगाली समाज के पारंपरिक व्यंजनों से दुर्गा पंडाल महक उठा। रविवार को सुबह सात बजे से महा षष्ठी पूजा होगी। इस मौके पर कल्पारंभ, आमंत्रण एवं अभिषेक होगा। शाम 6:30 बजे से आमंत्रण-अभिभाष एवं रात्रि 8 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।
यहां भी महके बंगाली पकवान
प्रोबासी बंगाली सोसायटी की ओर से जय क्लब में दुर्गा पूजा महोत्सव का शुभारंभ हुआ। 30 सितंबर को अष्टमी पूजा होगी। दो अक्टूबर को सिंदूर खेला होगा। मालवीय नगर सेक्टर-10 स्थित जयपुर कालीबाड़ी सोसायटी में दुर्गा पूजा महोत्सव 2 अक्टूबर तक आयोजित किया जाएगा। महापंचमी पर 27 सितंबर को सांसद मंजू शर्मा, उद्योगपति डॉ. नवल अग्रवाल एवं समिति के सदस्यों ने पूजा-अर्चना कर महोत्सव का श्रीगणेश किया।
इस अवसर पर आनंद मेला फूड फेस्टिवल की शुरुआत हुई। दुर्गा प्रतिमा बंगाल की विशेष कलीपाट और बंदन नगर की रोशनी कला के अनुसार सजाई गई है। महाषष्ठी और महासप्तमी पर सुबह-शाम पूजा, पुष्पांजलि, भोग वितरण, खेल और रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
महाअष्टमी और महानवमी पर कुमारी पूजा, संध्या आरती और पारंपरिक धनुची नृत्य होगा। महादशमी पर 2 अक्टूबर को सिंदूर उत्सव के बाद प्रतिमा विसर्जन किया जाएगा। रात्रि 8 बजे शांति जल एवं विजयादशमी अनुष्ठान के साथ महोत्सव संपन्न होगा।