
जयपुर। राज्य सरकार द्वारा ओपीएस को समाप्त करने की नियत से 9 अक्टूबर 2025 को जारी किये गये निर्दयी आदेश के विरोध में रविवार को बोर्डों, निगमों, सार्वजनिक उपक्रमों, स्वायत्तशासी संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों आदि के सेवारत एवं सेवानिवृत कार्मिकों एवं अधिकारियों के संगठनों के अगुआ पदाधिकारियों की जयपुर के “तारक भवन” में आयोजित हुई संयुक्त बैठक में राज्य सरकार के इस आदेश की कड़ी निंदा की गई।
राजस्थान स्टेट रोडवेज एम्पलाईज यूनियन -एटक के महासचिव धर्मवीर चौधरी ने बताया कि बैठक में रोडवेज, बिजली, मेट्रो, जेसीटीएसएल, आरटीडीसी,भंडार व्यवस्था निगम, वित्त निगम, कृषि विपणन निगम एवं विभिन्न विश्वविद्यालयों आदि के कार्मिकों एवं अधिकारियों के 20 संगठनों के 80 पदाधिकारियों ने भाग लिया।
प्रत्येक संगठन से एक – एक पदाधिकारी द्वारा अपने विचार व्यक्त करने के बाद सर्वसम्मति से पारित किये गये एक घोषणा पत्र में ये तीन मांगें की गई हैं,_ राज्य सरकार अपने 9 अक्टूबर 2025 के आदेश को वापस ले, सभी सम्बन्धित संस्थान ओपीएस को जारी रखने की घोषणा करें एवं जिस किसी संस्थान में ओपीएस लागू नहीं है, वहां इसे लागू किया जाये।
राजस्थान स्टेट रोडवेज एम्पलाईज यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष एम.एल.यादव ने बताया कि सर्वसम्मति से लिये गये निर्णय के अनुसार 11 नवम्बर 2025 को प्रदेशभर में सभी संबधित संस्थानों के कार्मिक एवं अधिकारी अपने कार्य के दौरान “काली पट्टी” धारण करेंगे। 18 नवम्बर 2025 को जयपुर में पुलिस आयुक्तालय के पास “शहीद स्मारक” पर प्रदेश स्तरीय विशाल धरना दिया जायेगा।
उसी दिन आगे के आंदोलन के कार्यक्रम घोषित किये जायेंगे। वहीं इस संयुक्त बैठक की अध्यक्षता राजस्थान स्टेट रोडवेज एम्पलाईज यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष एम.एल.यादव एवं प्रांतीय विद्युत मंडल मजदूर फैडरेशन के प्रदेशाध्यक्ष बजरंग लाल मीना ने की। बैठक की कार्यवाही का संचालन राजस्थान स्टेट रोडवेज एम्पलाईज यूनियन के महासचिव धर्मवीर चौधरी ने किया।



















