जयपुर। सूर्य के राशि बदलने के बाद गृह प्रवेश,गृहारंभ,यज्ञोपवीत,विवाह सहित अन्य मांगलिक कार्यों का शुभारंभ हो गया हैं । आचार्य गौरी शंकर शर्मा बोरखेड़ा ने बताया कि 14 अप्रैल से ग्रहों के राजा सूर्यदेव ने राशि परिवर्तन कर लिया हैं। सूर्यदेव ने मीन राशि को छोड़कर अपनी उच्च राशि मेष में प्रवेश किया हैं । जिसके साथ ही मलमास का समापन हो गया हैं।
14 जून को गुरु अस्त हो जाने से मांगलिक कार्य पर रोक लग जाएगी। गुरु अस्त 7 जुलाई तक रहेगा। लेकिन इस बीच 5 स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त रहेंगे, जिससे मांगलिक कार्य हो सकेंगे। 30 अप्रैल को आखातीज यानी अक्षय तृतीया का अबूझ सावा होगा। दूसरा 5 मई को जानकी नवमी पर रहेगा। 12 मई को वैशाखी पूर्णिमा यानी पीपल पूर्णिमा का अबूझ सावा रहेगा।
इसके बाद 5 जून को गंगादशमी, 4 जुलाई को भड़ल्या नवमी और इसके बाद 6 जुलाई को देवशयनी एकादशी का अबूझ मुहूर्त होगा। आचार्य गौरी शंकर शर्मा बोरखेड़ा के अनुसार इस बार दोष रहित 10 रेखा के 2 सावे रहेंगे। 9 रेखा के 2 सावे, 8 रेखा के 6 सावे और 7 रेखा के 8 सावों पर वैवाहिक आयोजन हो सकेंगे। अबूझ मुहूर्त में अक्षय तृतीया और पीपल पूर्णिमा का सावा महत्वपूर्ण माना जाता हैं।