जयपुर। भाजपा ने वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव में जारी घोषणा पत्र में किसानों से वादा किया था कि उपज की लागत का डेढ़ गुणा न्यनूतम समर्थन मूल्य किसानों को दिया जायेगा, किन्तु 10 वर्ष बीतने के पश्चात् भी भाजपा ने अपना वादा नहीं निभाया है। फरवरी 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के किसानों से पुनः वादा किया था कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दुगनी की जाएगी, किन्तु किसानों की आय तो दुगनी हुई नहीं बल्कि केन्द्र की भाजपा सरकार ने देश में तीन काले कृषि कानून लागू कर दिये और बाद में किसानों के आंदोलन के समक्ष झुककर किसानों से माफी मांगते हुये ये काले कानून वापस लिये तथा एक कमेटी बनाई जिसका कार्य किसानों की मांग किस प्रकार से लागू हो, एमएसपी का कानून बनना भी उस कमेटी के समक्ष एक मुद्दा था। यह बात राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय जयपुर पर आयोजित प्रेसवार्ता में की।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 में जब डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे तथा वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे यूपीए सरकार द्वारा उपभोक्ता मामलों से जुड़े 2010 में गठित वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष थे उस वक्त नरेन्द्र मोदी तत्कालीन मुख्यमंत्री गुजरात ने कमेटी की रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। उक्त रिपोर्ट में भी एमएसपी को कानून बनाने की सिफारिश की गई थी तथा तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से एमएसपी सुनिश्चित करने के लिये सांविधिक निकाय बनाने की सिफारिश तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की थी। उन्होंने कहा कि एमएसपी को कानून का दर्जा मिलना चाहिये, यह बात पूर्व से ही भाजपा द्वारा भी उठाई गई थी। उन्होंने कहा कि 15 माह तक चले किसान आन्दोलन में जब भाजपा की केन्द्र सरकार से समझौता हुआ था तब यह भी तय हुआ था कि किसानों पर जो 50 हजार से अधिक मुकद्में दर्ज हुये हैं उन्हें वापस लिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि कुछ सरकारों ने वापस लिये लेकिन केन्द्र सरकार ने व भाजपा की सरकारों ने किसानों को कोई राहत इस मुद्दे पर प्रदान नहीं की। उन्होंने कहा कि यूपीए शासन के दौरान डॉ. मनमोहन सिंह सरकार ने किसानों के 72 हजार करोड़ रूपये के ऋण माफ किय थे जो उदाहरण है कि केन्द्र सरकारें किसानों को राहत प्रदान करने का कार्य करती रही है। इसी कड़ी में राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने 21 लाख किसानों के 16 हजार करोड़ रूपये के ऋण माफ किये थे। उन्होंने कहा कि जब केन्द्र में यूपीए की सरकार एवं राजस्थान की कांग्रेस सरकार द्वारा प्रस्तुत उदाहरण भाजपा के समक्ष है तो आज केन्द्र की भाजपा सरकार तथा राजस्थान की भाजपा सरकार किसानों के कर्जे माफ करने का कार्य क्यों नहीं कर रही है? उन्होंने कहा कि आज प्रत्येक देशवासी के जहन में यह बात आ गई है कि भाजपा की सरकारें किसानों का ऋण माफ करना नहीं चाहती है।
उन्होंने कहा कि आज किसान केन्द्र की वादाखिलाफी के विरूद्ध आन्दोलन करने के लिये इसलिये मजबूर हुये हैं क्योंकि केन्द्र की भाजपा सरकार ने किसानों से लिखित में समझौता किया था कि केन्द्र सरकार एक कमेटी बनाकर एमएसपी के कानून सहित सभी मुद्दों का हल निकालेगी। उन्होंने कहा कि कमेटी सम्भवतरू केन्द्र सरकार को अपनी रिपोर्ट भी प्रस्तुत कर दी है और जो जानकारी है उसके अनुसार एमएसपी को कानून बनाने की बात रिपोर्ट में नहीं है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार जानबूझकर कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं कर रही है जिस कारण किसानों को आज एमएसपी का कानून बनवाने के लिये केन्द्र की भाजपा सरकार के खिलाफ आन्दोलन करने हेतु मजबूर होना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि अपनी जायज मांगों एवं हक के लिये आन्दोलन कर रहे किसान के साथ केन्द्र सरकार द्वारा ऐसी बर्बरतापूर्वक कार्यवाही की जा रही है जैसे आतंकवादियों के खिलाफ अथवा बॉर्डर पर दुश्मनों के खिलाफ की जाती हो। उन्होंने कहा कि पूर्व में चले किसान आन्दोलन के दौरान शहीद किसानों को कोई मुआवजा नहीं दिया गया तथा आन्दोलन के पश्चात् समझौते को लागू करने के लिए केन्द्र सरकार ने कोई कदम नहीं उठाये। उन्होंने कहा कि 10 वर्ष के शासन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एमएसपी के लिये किसी प्रकार का कोई कदम नहीं उठाया।
उन्होंने कहा कि अब केन्द्र की भाजपा सरकार हद पार कर ली और यह कहना प्रारम्भ कर दिया कि किसानों से किये गये समझौते के तहत् एमएसपी का कानून जल्दबाजी में नहीं बनाया जा सकता। इसके लिये लम्बा समय चाहिये क्योंकि यह एक जटिल कार्य है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के इस रवैये से यह साबित हो गया है कि जो तीन काले कानून केन्द्र सरकार ने किसानों पर थोपे थे, वे किसकों लाभ पहुॅंचाने के लिये लागू किये गये थे। उन्होंने कहा कि आज यह सुस्पष्ट है कि केन्द्र सरकार द्वारा लागू किये गये तीनों काले कानून भाजपा के उद्योगपति मित्रों को लाभ देने के लिए थोपे गये थे।
किसान यूनियनों ने 16 फरवरी को भारत बंद का आह्वान
उन्होंने कहा कि किसान यूनियनों ने 16 फरवरी को भारत बंद का आह्वान किया है तथा कांग्रेस पार्टी किसानों द्वारा भारत बंद किये जाने के आह्वान का समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि किसानों के शांतिपूर्वक चलाये जा रहे आन्दोलन के तहत् करवाये जा रहे भारत बंद का समर्थन करते हुये कांग्रेस पार्टी अपील करती है कि किसी प्रकार राजकीय सम्पत्ति का कोई नुकसान नहीं हो यह सुनिश्चित करते हुये कांग्रेस कार्यकर्ता किसानों के समर्थन में उनके साथ रहेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता श्री राहुल गॉंधी एवं कांग्रेस अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खडगे ने स्पष्ट शब्दों में वादा किया है कि कांग्रेस पार्टी की केन्द्र सरकार बनने पर एमएसपी का कानून लागू किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खडगे तथा कांग्रेस नेता राहुल गॉंधी द्वारा एमएसपी को लागू करने के किसानों से किये गये वादे का स्वागत पूरा देश कर रहा है। उन्होंने कहा कि पूरा देश जानता है कि कांग्रेस पार्टी अपने किये हुये वादों को हर हाल में निभाती है, जो कहते हैं, वही करते हैं। उन्होंने कहा कि आज जिस प्रकार से लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं पर केन्द्र की भाजपा सरकार प्रहार कर रही है यह देश के लिये घातक हैं एवं प्रजातंत्र के लिये खतरा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार लोगों से विचार व्यक्त करने तथा आन्दोलन करने का अधिकार छीन रही है।
किसानों को न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ खड़ी है
डोटासरा ने कहा कि किसानों को न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि आन्दोलन करना किसानों का मौलिक अधिकार है, उनके अधिकार की रक्षा करने के लिए कांग्रेस पार्टी किसानों को समर्थन देती है। उन्होंने कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार किसानों पर ड्रोन से हमले कर, आंसू गैस के गोले छोडकर, गोलियां चलाकर किसानों का आन्दोलन कुचलना चाहती है किन्तु कांग्रेस पार्टी ऐसा नहीं होने देगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्ची से बनी हुई भाजपा सरकार के कृषि मंत्री ने पहले दिन ही कह दिया कि किसानों का कर्जा माफ करने का प्रश्न ही नहीं उठता, किसानों को कर्ज देना ही नहीं चाहिये, क्योंकि किसानों की आदत खराब हो गई है, किसान लोन तो ले लेता है लेकिन चुकाना नहीं चाहता, यह कथन राजस्थान के कृषि मंत्री का है और दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भाजपा की कथनी एवं करनी में अंतर है, यह बात अब राजस्थान की जनता समझ चुकी है।