जयपुर। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर के रसशास्त्र एवं भैषज्य कल्पना विभाग द्वारा आयोजित एएसयू दवाओं के गुणवत्ता नियंत्रण मानकों पर पांच दिवसीय हैंड्स-ऑन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस समारोह की अध्यक्षता एनआईए के कुलपति प्रोफेसर संजीव शर्मा ने की।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आयुर्वेदिक औषधियों की गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावकारिता सुनिश्चित करना वर्तमान समय की सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता है। उन्होंने प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम युवा शोधकर्ताओं और शिक्षकों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होते हैं तथा आयुर्वेद की वैश्विक स्वीकार्यता को बढ़ाने में योगदान देते हैं।
समारोह में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के निदेशक प्रोफेसर पी.के. प्रजापति मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने गुणवत्ता नियंत्रण की आधुनिक विधियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पारंपरिक ज्ञान और वैज्ञानिक तकनीकों का समन्वय ही आयुर्वेद के अनुसंधान को नई दिशा देगा। डब्ल्यूएचओ कंसल्टेंट प्रोफेसर पवन गोडाटवार ने भी कार्यक्रम में अपनी विशेषज्ञ राय साझा की और इसे राष्ट्रीय स्तर पर क्षमतावर्धन का महत्वपूर्ण माध्यम बताया।
कार्यक्रम के संयोजक विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अनुपम श्रीवास्तव ने बताया कि इस प्रशिक्षण में देशभर से आए प्रतिभागियों ने प्रयोगशाला तकनीकी, विश्लेषण प्रक्रियाओं और गुणवत्ता परीक्षण के आधुनिक मानकों का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त किया।




















