डकैती की योजना बनाते सरगना सहित पांच बदमाश गिरफ्तार

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Five miscreants including the gang leader arrested while planning robbery
Five miscreants including the gang leader arrested while planning robbery

जयपुर। संजय सर्किल थाना पुलिस ने गुरुवार को डकैती करने से पहले ही पांच बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही चोरी का माल खरीदने वाले दो खरीदारों को भी पकड़ा है। इनके कब्जे से लूटे गए 15 लाख रुपए कीमत के दो महंगे लैपटॉप और 40 महंगे मोबाइल बरामद किए हैं। आरोपित अव्वल दर्जे के लुटेरे हैं। ये सुनसान जगह पर राहगीरों से मोबाइल छीनते हैं। आरोपी जयपुर शहर में रात को बड़ी डकैती की तैयारी में थे। जिस जगह इन्हें डकैती डालनी थी, उस जगह की दो माह पहले रेकी कर ली थी।

ये आरोपी लूटे गए मोबाइल को साइबर क्राइम करने वालों का डिलीवर करते थे। गिरफ्तार आरोपियों के अलावा दो आरोपी लूट के मोबाइल खरीदने वाले भी गिरफ्तार किए हैं। इनमें से एक बदमाश शकील मुंबई में चोरी की बड़ी वारदात करने के बाद यहां जयपुर में फरारी काट रहा था। ये जयपुर में एक ज्वैलरी शोरूम में डकैती डालने वाले थे।

एडीसीपी बजरंग सिंह शेखावत ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित लाला उर्फ लाल मोहम्मद (19) बंगाली बस्ती नाहरी का नाका शास्त्री नगर, शकील अली (19) कटिहार बिहार हाल शास्त्री नगर, मोहम्मद तारिफ (22) काजी जी का नाला भट्टा बस्ती, जय रुद्दीन (23) पेंटर कॉलोनी शास्त्री नगर और उस्मान (20) पश्चिम बंगाल हाल शास्त्री नगर का रहने वाला है। इनके कब्जे से डकैती के लिए काम में लेने वाले मिर्च पाउडर, कटार, चाकू, टॉर्च, रस्सी, पेचकस, टेप, कटर, एयरगन, बैग, दो लैपटॉप और 40 मोबाइल फोन बरामद किए हैं।

शेखावत ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि वे मोबाइल, चेन, पर्स और लैपटॉप छीनते हैं और ज्वेलरी की बड़ी दुकान में चोरी करते हैं। इन्होंने कबूल किया कि ये चोरी और लूटे मोबाइल मोहित स्वामी और संदीप स्वामी निवासी नाहरी का नाका शास्त्री नगर को बेचते हैं। इस पर संदीप और मोहित को गिरफ्तार किया है। ये लूटे गए मोबाइल और लैपटॉप को को साइबर क्राइम के लिए मेवात इलाके में बेच देते हैं। साइबर अपराधी एक बार उपयोग में लेकर इन्हें नष्ट कर देते हैं।

आरोपी शकील ने जयपुर में आकर एक ज्वेलरी दुकान में चोरी करने की वारदात का प्रयास किया लेकिन जाग होने के कारण विफल हो गए। इसके बाद एक मकान में डकैती डालने की प्लानिंग की थी। पकड़े नहीं जाएं इसलिए नहीं की रेकी जांच में सामने आया कि आरोपियों ने दो माह पहले रेकी की थी।

वह पकड़े नहीं जाएं इसके लिए उन्होंने इंतजार। कबूल किया कि सीसीटीवी में इतने दिन तक ही रिकॉडिंग सुरक्षित रहती है। आरोपी राह चलते लोगों को बातों में उलझाकर या अड़ंगी लगाकर वारदात करते हैं।

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