एफएमसीजी सेक्टर: मेट्रो शहरों में नियुक्ति के इरादे में दिखी वृद्धि

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मुंबई। भारत की नियोजन, नियोजनीयता और व्यवसाय करने की आसानी के क्षेत्र में बुनियादी बदलाव लाने वाली अग्रणी स्टाफिंग कंपनी-समूह, टीमलीज सर्विसेज ने देश की तेजी से बिकने वाली उपभोक्ता वस्तुओं (एफएमसीजी) सेक्टर पर एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में ढेरों बदलाव लाने वाली जानकारियों का खुलासा किया गया है जिनसे उद्योग का परिदृश्य बदल सकता है। इस रिपोर्ट के अनुसार मुंबई, बैंगलोर, चेन्नई, दिल्ली, और हैदराबाद, भारत के वे पाँच शीर्ष शहर हैं, जहाँ एफएमसीजी सेक्टर में नियुक्ति का ठोस इरादा दिखाई दे रहा है। रिपोर्ट में सेल्‍स, मार्केटिंग, और सूचना प्रौद्योगिकी के साथ-साथ कार्यालय सेवाएं, मानव संसाधन, और श्रमिक की भूमिकाओं वाली नौकरियों के लिए नई भर्ती में काफी वृद्धि दर्शायी गई है।

रिपोर्ट के अनुसार, मेट्रो शहरों में एट्रिशन (संघर्षण) दर सबसे ज्यादा (27%) है। उनके बाद टियर 1 और टियर 2 शहरों (26%) का स्थान है। टियर 3 और टियर 4 शहरों के लोगों में मेट्रो शहरों की अपेक्षा एट्रिशन दर कम है, जो ग्रामीण बाज़ारों में अपेक्षाकृत कम माँग का परिचायक है। रिपोर्ट दर्शाती है कि सक्रिय सहयोगियों की औसत उम्र 36 वर्ष है और संघर्षित कर्मचारियों की करीब 34 वर्ष। इससे संकेत मिलता है कि अपेक्षाकृत कम उम्र के कर्मचारियों में संघर्षण की प्रवृत्ति अधिक होती है। इसी प्रकार सक्रिय और संघर्षित सहयोगियों का कार्यकाल क्रमशः 1.7 और 1.1 वर्ष है।

इस रिपोर्ट में एफएमसीजी कार्यबल में काफी लैंगिक विषमता को चिन्हित किया गया है, जहां आउटसोर्स्ड कार्यबल में 90% से अधिक पुरुष सहयोगी हैं। रिपोर्ट तैयार करने में कंपनी के असोसिएट्स डेटाबेस और सेकेंडरी रिसर्च से प्राप्त आतंरिक आँकड़ों का प्रयोग किया गया है और इसमें नियुक्ति एवं संकर्षण संबंधी रुझानों के साथ हितधारकों के लिए बहुमूल्य रणनैतिक मार्गदर्शन प्रस्तुत किया गया है। रिपोर्ट में जन आपूर्ति श्रृंखला (पीपल सप्लाई चेन) को इष्टतम करने के लिए तीन स्तंभों के रूप में हायरिंग, एट्रिशन और प्रोडक्टिविटी (एचएपी) पर जोर दिया गया है।

यह रिपोर्ट प्रमाणित रणनीतियों का विवरण देती है जो संगठनों के लिए तेजी से नियुक्ति करने, एट्रिशन, और उत्पादकता बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं। कुछ अनुशंसाओं में फ्रेशर की भर्ती की संभावना तलाशने, बेहतर मिलान के लिए साइकोमेट्रिक मूल्यांकन के साथ-साथ एलऐंडडी के लिए को-पे मॉडल शामिल हैं, जिनसे प्रशिक्षुओं को अपने करियर में ग्रोथ को फ़ास्ट-ट्रैक करने में मदद मिल सकती है।

टीमलीज़ सर्विसेज लिमिटेड के सीईओ ऑफ़ स्टाफिंग, कार्तिक नारायण ने कहा कि, “रिपोर्ट से भारत के एफएमसीजी सेक्टर के विकासशील परिदृश्य में अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा होता है। इसमें अवसरों और चुनौतियों से निपटने के लिए हितधारकों को बहुमूल्य रणनैतिक मार्गदर्शन प्रस्तुत किये गए हैं। टेक्नोलॉजी और इनोवेशन का प्रयोग करने से लेकर कार्यबल गतिशीलता को संबोधित करने तक, संगठनों को बाज़ार के इस गतिशील वातावरण में फलने-फूलने के लिए फुर्ती और दूरदृष्टि अवश्य अपनाना चाहिए।”

टीमलीज़ सर्विसेज लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट और बिजनेस हेड, बालासुब्रमणियन ए ने कहा कि, “मुंबई, बैंगलोर, चेन्‍नई, दिल्ली और हैदराबाद जैसे प्रमुख शहरों में नियुक्त करने के इरादे में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी जा रही है। इस स्थिति में एफएमसीजी सेक्टर मजबूती से कार्यबल विस्तार और प्रतिभा अधिप्राप्ति करने को तैयार है। यह रुझान उद्योग कारोबारियों के लिए उभरते अवसरों का लाभ उठाने और प्रभावकारी रूप से परिचालनों को बढ़ाने का एक सकारात्मक नजरिये का संकेत है।”

उन्होंने आगे कहा कि, “एफएमसीजी कार्यबल में लैंगिक विषमता, जहाँ पुरुष सहयोगियों का अनुपात 90% से अधिक है, को देखते हुए उद्योग में लैंगिक विविधता और समावेशन को संरक्षण देने के लिए सुनियोजित और संगठित प्रयासों की ज़रुरत है। विविधता को अपनाने से न केवल नवाचार को प्रोत्साहन मिलता है, बल्कि एक ज्यादा न्यायसंगत कार्यस्थल के निर्माण हेतु वचनबद्धता भी दिखाई देती है।”

रिपोर्ट में बताया गया है कि परंपरागत किराना दुकानों के साथ बढ़ी हुई डिजिटल कनेक्टिविटी के माध्यम से सहयोग करने से परस्पर वृद्धि और बाज़ार के विस्तार के द्वार खुलेंगे। किराना की दुकानें हमारे देश की रिटेल बिक्री की रीढ़ हैं, और ये निकट भविष्य में प्रासंगिक बनी रहेंगी। लेकिन आधुनिक व्यापार और ई-कॉमर्स, विशेषकर क्विक-कॉमर्स काफी तेजी से आगे बढ़ेगा जैसा कि उपभोक्ताओं के व्यवहार में स्पष्ट बदलाव देखा जा रहा है। अब इस प्रकार के प्लैटफ़ॉर्म्‍स का प्रयोग केवल जोश में आकर खरीदारी करने और नियमित थोक खरीदारी के लिए भी नहीं हो रहा है।

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