जयपुर। जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, जयपुर में 16 वें थॉट लीडरशिप लेक्चर का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य वक्ता शिक्षा एवं कोयला सचिव, भारत सरकार अनिल स्वरूप (सेवानिवृत्त) थे। उन्होंने व्याख्यान में अपने सार्वजनिक सेवा के अनुभवों और लेखक के रूप में अपनी यात्रा से जुड़े प्रेरणादायक प्रसंग सुनाए।
अपनी पुस्तक “यू कैन मेक इट हैपन” के संदर्भ में उन्होंने जीवन की परिस्थितियों के अनुरूप स्वयं को ढालने, आत्म-विकास को निरंतर बढ़ाने और डायरी लिखने की आदत डालने पर बल दिया। उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि “स्वार्थी बनें, स्वयं पर ध्यान केंद्रित करें” क्योंकि आत्म-विकास से ही व्यक्ति समाज के लिए सार्थक योगदान देने में सक्षम बनता है।
इस अवसर पर अर्णव शिवेंदु आईआरएएस, डीएफएम जयपुर, विनोद अजमेरा (पूर्व आयुक्त उद्योग), ज्ञान प्रकाश पूर्व निदेशक, फिक्की, प्रो. पुनीत शर्मा संस्थापक, इनफिनिट लूप्स मीडिया प्रा. लि., गौरीशंकर गुप्ता (भारतीय विदेश सेवा), राजेन्द्र भनावत (पूर्व प्रबंध निदेशक, रीको), डॉ. सुची शर्मा (पूर्व सचिव, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा), अतुल कुमार माथुर (पूर्व पुलिस महानिदेशक) तथा राकेश वर्मा (पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव, राजस्थान सरकार ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
स्वागत भाषण में डॉ. प्रभात पंकज, निदेशक, जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, जयपुर ने जीवन और शिक्षा के गहरे संबंध को रेखांकित करते हुए कहा, “जीवन और सीखने में कोई अंतर नहीं है; जैसे-जैसे हम जीते हैं, वैसे-वैसे सीखते हैं।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि केवल ज्ञानवान वक्ता होना पर्याप्त नहीं, बल्कि ज्ञान को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने की क्षमता ही वास्तविक प्रभाव छोड़ती है। कार्यक्रम की शुरुआत में अतिथियों का स्वागत “ग्रीन सर्टिफिकेट” प्रदान कर किया गया। इस दौरान अनिल स्वरूप की पुस्तक का विमोचन भी किया गया। अंत में डॉ. दनेश्वर शर्मा, डीन अकादमिक्स, ने धन्यवाद ज्ञापित किया।