गोविंद देवजी मंदिर में आज पहली बार होगी हस्त लिखित गायत्री महामंत्रों की परिक्रमा

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For the first time today, a circumambulation of handwritten Gayatri Mahamantras will be performed at the Govind Devji Temple.
For the first time today, a circumambulation of handwritten Gayatri Mahamantras will be performed at the Govind Devji Temple.

जयपुर। आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर के पूर्व महंत श्रील प्रद्युम्न देव गोस्वामी महाराज के तिरोभाव उत्सव के समापन समारोह के रूप में गोविंद देवजी मंदिर के सत्संग भवन में रविवार को करोड़ों हस्तलिखित गायत्री महामंत्रों की परिक्रमा की जाएगी। गायत्री महामंत्र की परिक्रमा का देशभर में यह पहला आयोजन बताया जा रहा है।

शनिवार को तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। सवा पांच करोड़ हस्त लिखित गायत्री महामंत्र की पुस्तिकाओं के बंडल बनाकर सत्संग भवन के ब्रह्म स्थान पर व्यवस्थित रूप से रखे गए। परमात्मा से सबकी बुद्धि को सन्मार्ग पर प्रेरित करने के लिए गोविंद देवजी मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामी महाराज के सान्निध्य में होने वाले परिक्रमा का शुभारंभ सुबह पांच देव पूजन के साथ होगा। विभिन्न मंदिरों के संत-महंत, जन प्रतिनिधि, विभिन्न संस्थाओं के लोग भी परिक्रमा करेंगे।

हवन में अर्पित करेंगे एकांश-दशांश आहुतियां:

परिक्रमा के दौरान ही सुबह नौ से बारह बजे तक निशुल्क पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ भी होगा। यज्ञ की सभी सामग्री मंदिर में उपलब्ध रहेगी। किसी भी तरह का सामान लाने की आवश्यक्ता नहीं है। निर्धारित समय के दौरान सभी को आहुतियां प्रदान करने का अवसर प्राप्त होगा। जिन लोगों ने कभी भी किसी भी मंत्र की परिक्रमा की उस संख्या के दसवें या सौंवे हिस्से के हिसाब से आहुतियां प्रदान कर सकेंगे। उल्लेखनीय है जप का दशांश या एकांश हिस्से की यज्ञ में आहुतियां अर्पित करना अनिवार्य होता है।

ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि गीता में भगवान कृष्ण ने कहा है छंदों(मंत्रों) में गायत्री वे स्वयं हैं। गायत्री देव, वेद माता और विश्व माता है। गायत्री के 24 अक्षर अलग-अलग देवी-देवताओं के प्रतीक है। इसलिए एक बार गायत्री मंत्र का उच्चारण करना 24 देवी-देवताओं की परिक्रमा करना है। परिक्रमा के दौरान गायत्री को सिद्ध करने वाले युग पं. श्रीराम शर्मा आचार्य की आवाज में गायत्री महामंत्र का उच्चारण होता रहेगा। गायत्री को सिद्ध करने वाले व्यक्ति की आवाज के साथ जप को 2400 गुणा अधिक प्रभावी बताया गया है। यानि 24 गायत्री मंत्र जप की फलश्रुति 24000 मंत्र होगी।


राम नाम धन संग्रह बैंक में जमा होगी भेंट राशि:

पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ और परिक्रमा के दौरान श्रद्धालुओं द्वारा जो भी राशि भेंट की जाएगी गायत्री परिवार उस राशि को राम नाम धन संग्रह बैंक में जमा कराएगा ताकि उस राशि का पुण्य ब्याज श्रद्धालुओं को आजीवन मिलता रहे। श्रद्धालुओं की ओर से भेंट की गई राशि से राम नाम लेखन के लिए पुस्तिकाएं खरीदी जाएगी। गायत्री परिवार के कार्यकर्ता अलग से भी इस कार्य के लिए अंशदान करेंगे।

मंत्र लेखन पुस्तिका निशुल्क मिलेगी

परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं को गायत्री मंत्र लेखन के लिए पुस्तिका का निशुल्क वितरण किया जाएगा। गायत्री मंत्र के प्रति श्रद्धा का जागरण हो इसके लिए गायत्री चालीसा का निशुल्क वितरण किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि छोटीकाशी में हजारों लोग प्रतिदिन गायत्री मंत्र लेखन करते हैं। एक मंत्र लेखन का फल जप की तुलना में दस गुणा अधिक बताया गया है क्योंकि मंत्र लेखने के दौरान शरीर का प्रत्येक अंग सक्रिय रहता है।

सत्संग भवन में गायत्री चेतना केन्द्र, जनता कॉलोनी की ओर से बुक फेयर लगाया जाएगा। यहां धर्म, संस्कृति, संस्कार, महापुरुषों की जीवनी सहित अनेक विषयों पर पुस्तकें आधे मूल्य पर उपलब्ध रहेगी। वेद-पुराणों में गायत्री महामंत्र के आध्यात्मिक-वैज्ञानिक और भौतिक लाभ को सरल भाषा शैली में समझाने के लिए गायत्री महाविज्ञान की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।

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