जयपुर। प्रदेश में साइबर ठगी के नित नए तरीके और नए मामले सामने आ रहे है। कोटा की एक कंपनी के चीफ मैनेजर को झांसे में लेकर एक विदेशी महिला ने 2.75 करोड़ रुपए ठग लिए। विदेशी महिला ने पहले सोशल मीडिया से पीडित से दोस्ती गांठ ली और फिर मजबूरी बताकर उससे 200 मिलियन डॉलर (1600 करोड़) अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करा लिए। जयपुर के साइबर थाने में दर्ज मामले की जांच पुलिस कर रही है।
पुलिस ने बताया कि कोटा के रहने वाले एक 57 वर्षीय व्यक्ति ने 9 मई को मामला दर्ज करवाया कि करीब 8 महीने पहले फेसबुक पर न्यूयॉर्क की रहने वाली विक्टोरिया गुप्ता नाम की महिला का मैसेज आया। मैसेज में लिखा कि उनके पिता सतीश रनवीर गुप्ता है, जो इंडिया के रहने वाले हैं। विक्टोरिया के पिता सतीश और पीड़ित ने पिता दोनों पहले दोस्त रह चुके हैं।
दीपक के पिता का देहांत हो जाने के कारण वह इस बात को कंफर्म नहीं कर पाए। विक्टोरिया गुप्ता की बात को मान कर बातचीत शुरू हो गई। दोनों वॉट्सऐप कॉल पर बात करते थे। विक्टोरिया ने खुद की उम्र 36 साल बताई। उसके पति की हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है। पति की संपत्ति पर देवर ने कब्जा कर लिया है। देवर अक्सर उसके साथ मारपीट करता है। जान से मारना चाहता है।
विक्टोरिया ने कहा कि उसका एक बेटा (5 साल) और एक बेटी (8 साल) है। उनके पिता सतीश रनवीर गुप्ता रियल एस्टेट का बिजनेस करते थे। उनके मरने के बाद पिता की संपत्ति करीब 200 मिलियन डॉलर वसीयत में मिली है। देवर से तंग होकर इंडिया में आकर बसना चाहती है। विक्टोरिया ने बातचीत करने के लिए एक मोबाइल नंबर दे दिया। कहा- ये मोबाइल नंबर भारत आने के लिए अमेरिका में भारतीय दूतावास से लिया है।
उसके बाद इस मोबाइल नंबर पर वॉट्सऐप कॉल के जरिए दोनों की अक्सर बात होने लगी। बातचीत के दौरान अक्सर देवर के टॉर्चर करने के बारे में बताती रहती थी। 23 दिसंबर 2023 को बात होने पर विक्टोरिया ने बताया कि जनवरी के पहले सप्ताह में वो भारत आ रही है। इंडिया आने के बाद यहीं बसने की प्लानिंग है। 10 जनवरी को इंडिया आ रही है।
दिल्ली दूतावास का काम कर मुंबई जाकर बसेगी। 10 जनवरी 2024 को दिल्ली एयरपोर्ट से भगवत सरन नाम के व्यक्ति ने कॉल किया। खुद को इमिग्रेशन ऑफिसर बताया। कहा कि विक्टोरिया उसके साथ है। वो 12 लाख डॉलर का रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड का बैंकर चेक लाई है। चेक के कस्टम रजिस्ट्रेशन के 1.65 लाख रुपए लगेंगे। विक्टोरिया के पास 65 हजार रुपए ही हैं। विक्टोरिया ने 1 लाख रुपए की मदद मांगी। दीपक ने रजिस्ट्रेशन फीस के 1 लाख रुपए इमिग्रेशन ऑफिसर भगवत सरन को ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। 13 जनवरी को लॉन्ड्रिंग प्रमाण-पत्र के 1.40 लाख रुपए मांगे।
दीपक ने फिर से विक्टोरिया के कहने पर भगवत सरन को रुपए ट्रांसफर किए। उसके बाद बताया गया कि 12 लाख डॉलर का चेक रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड की एयरपोर्ट स्थित डिजिटल बैंकिंग ब्रांच में जमा होगा। जाल में फंसाने के लिए विक्टोरिया ने इंडिया में दीपक शर्मा को खुद का संरक्षक बताया। दीपक के नाम से अकाउंट खुलवा कर चेक जमा होना दिखलाया।
बैंक अकाउंट के लिए दीपक के आधार कार्ड की कॉपी भी ली। बैंक की ओर से अकाउंट नंबर और पासवर्ड उसके मेल पर भेजा गया। दिल्ली एयरपोर्ट से बार-बार कॉन्टैक्ट कर विक्टोरिया खुद को असहाय बता रही थी। दीपक असहाय विधवा मानकर मदद में लगे रहे। इसके बाद अलग-अलग बहाने से आरोपी महिला पीडित से रुपए डलवाती रही।