जयपुर। देश के लीडिंग हेल्थ केयर प्रोवाइडर फोर्टिस हॉस्पिटल गुरुग्राम ने जयपुर में थैलेसीमिया अवेयरनेस ह्यूमन ल्यूकोसाइट एंटीजन (एचएलए) जागरूकता कैंप आयोजित किया। इस कैंप का आयोजन संतोकबा दुर्लभजी मेमोरियल हॉस्पिटल, भवानी सिंह मार्ग, रामबाग सर्कल, जयपुर में किया गया। जिसमें बच्चों, उनके भाई-बहनों और माता-पिता सहित 150 से अधिक लोग शामिल हुए। इस पहल का मुख्य उद्देश्य लोगों में बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन के बारे में जागरूकता बढ़ाना था। जो थैलेसीमिया के लिए एक बेहतर इलाज साबित हुआ है। इस अवसर पर डॉक्टर विकास दुआ और फोर्टिस अस्पताल गुरुग्राम में पीडियाट्रिक हेमेटोलॉजी, ऑन्कोलॉजी और बीएमटी के कंसल्टेंट डॉक्टर अरुण दानेवा और मेडिकल स्टाफ मौजूद रहे।

वहीं इस मौके पर फोर्टिस हॉस्पिटल गुरुग्राम में प्रिंसिपल डायरेक्टर और हेड-पीडियाट्रिक हेमेटोलॉजी ऑन्कोलॉजी एंड बीएमटी डॉक्टर विकास दुआ ने कहा थैलेसीमिया अवेयरनेस एचएलए कैंप सफलतापूर्वक समाप्त हो रहा है, हम लोगों से मिले भारी समर्थन और जुड़ाव से बहुत संतुष्ट हैं। बीएमटी के बारे में सीखने के लिए जो उत्साह और प्रतिबद्धता इस कैंप में नजर आई वो लोगों को एजुकेट करने और जागरूक करने के हमारे विश्वास की पुष्टि करता है। हम थैलेसीमिया मरीजों और उनके परिवारों को स्वस्थ, उज्जवल भविष्य की ओर उनकी यात्रा में समर्थन देने के लिए समर्पित हैं।

ये कैंप जहां एक शैक्षिक पहल के तौर पर आयोजित हुआ, साथ ही साथ यहां बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए संभावित मैच भाई-बहन डोनर्स की पहचान में भी मदद मिली। इस कैंप के जरिए कोल इंडिया की उस स्कीम पर भी फोकस किया गया जिसके तहत बीएमटी कराने वाले पात्र मरीजों को 10 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद की जाती है. थैलेसीमिया के इलाज में पैसों को बोझ झेलने वाले परिवारों के लिए इस इनिशिएटिव से काफी मदद मिलती है।

डॉक्टर दुआ ने कहा कि फोर्टिस अस्पताल गुरुग्राम में कोल इंडिया की तरफ से ये आर्थिक मदद मरीजों को दी जाती है. यानी फोर्टिस अस्पताल गुरुग्राम में थैलेसीमिया का इलाज कराने पर उसका खर्च मिलने की व्यवस्था है. इस अस्पताल में 5 बच्चों के डॉक्टर और 5 एडल्ट हेमेटोलॉजिस्ट की एक टीम है.

डॉक्टर अरुण ने बताया, ”थैलेसीमिया, एक वंशानुगत ब्लड डिसऑर्डर है, जिसमें लगातार रक्त संक्रमण होता है और आयरन केलेशन थेरेपी समेत कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ये बीमारी मरीजों और उनके परिवारों को बुरी तरह प्रभावित करती है। हालांकि, अब बीएमटी जैसा एडवांस इलाज उपलब्ध है जिसने उम्मीद की किरण दी है. इस प्रक्रिया से इलाज कराकर न सिर्फ मरीज ठीक हो रहे हैं बल्कि उनकी क्वालिटी ऑफ लाइफ में भी सुधार होता है।”

फोर्टिस अस्पताल गुरुग्राम एडवांस ट्रीटमेंट, लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने और सपोर्टिंग इनिशिएटिव के जरिए थैलेसीमिया के मरीजों की लाइफ बदलने के लिए प्रतिबद्ध है।

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