आर्मी में भर्ती कराने के नाम पर ठगी : 10 हजार का इनामी आरोपी पकड़ा

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जयपुर। स्टेट क्राइम ब्रांच पुलिस मुख्यालय की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए जोधपुर ग्रामीण के ओसियां थाने में दर्ज धोखाधड़ी के एक मामले में फरार चल रहे आरोपित को डिटेन कर लिया है। आरोपी की पहचान अनु सिंह उर्फ अनु पुत्र अर्जुन जाट निवासी बृज नगर कॉलोनी थाना मथुरा गेट भरतपुर के रूप में हुई है। यह आरोपी आर्मी से भगोड़ा है और उस पर 10 हजार रुपये का इनाम घोषित था।

यह मामला तब सामने आया जब गंगा सिंह और प्रवीण भाटी नाम के दो व्यक्तियों ने 5 अप्रैल 2023 को ओसियां थाने में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि 19 दिसंबर 2022 को उनकी मुलाकात अनु सिंह से हुई, जिसने उन्हें आर्मी और अन्य सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का झांसा दिया। इसके लिए उसने प्रति व्यक्ति 3.5 लाख रुपये की मांग की।

शिकायतकर्ताओं ने आरोपी को कुल 10 लाख 70 हजार रुपये नकद और ऑनलाइन माध्यम से दिए। पैसे मिलने के बाद, आरोपी ने उन्हें व्हाट्सएप पर जाली जॉइनिंग लेटर भेजे और फिर सभी संपर्क बंद कर दिए।

क्राइम ब्रांच के अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस अपराध दिनेश एमएन के निर्देश पर फरार अपराधियों की धर-पकड़ के लिए विशेष टीमें गठित की गई थीं। उप महानिरीक्षक पुलिस दीपक भार्गव और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिद्धांत शर्मा के सुपरविजन में गठित टीम ने चार दिन तक रेकी कर इस कार्रवाई को अंजाम दिया। टीम को सूचना मिली थी कि आरोपी अपने घर आने वाला है। आसूचना संकलन एवं तकनीकी मदद से सूचना की पुष्टि होने पर स्थानीय पुलिस की मदद से घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

गिरफ्तार आरोपी अनु सिंह साल 2018 में आर्मी से भाग गया था। आर्मी से भागने के बाद, उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा और उसी साल उसे आर्म्स एक्ट के तहत भरतपुर जिले के चिकसाना थाने की पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था। वह खुद को आर्मी का बताकर युवाओं को ठगता था। पुलिस उसके अन्य आपराधिक रिकॉर्ड खंगाल रही है। क्राइम ब्रांच की टीम आरोपी को आगे की जांच के लिए जोधपुर ग्रामीण पुलिस को सौंपेगी।

एएसआई शैलेंद्र शर्मा के नेतृत्व में की गई इस पूरी कार्रवाई में टीम में शामिल हेड कांस्टेबल अरुण कुमार, कांस्टेबल बृजेश शर्मा और श्रवण कुमार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई रहा। इनके अलावा हेड कांस्टेबल मदनलाल शर्मा भी टीम का हिस्सा थे। इस ऑपरेशन में मथुरा गेट थाने के एसएचओ मदनलाल मीणा और हेड कांस्टेबल अनिल कुमार का भी सराहनीय सहयोग रहा।

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